महाराष्ट्र में बहुमत के लिए विधायकों का जुगाड़ करने के लिए BJP ने इस दिग्गज नेता को उतारा
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे उन प्रमुख लोगों में शुमार हैं, जिन्हें बीजेपी ने किसी भी कीमत पर देवेंद्र फडणवीस सरकार के लिए बहुमत का बंदोबस्त करने के मोर्चे पर लगाया है.
नई दिल्ली:
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ( Narayan rane) उन प्रमुख लोगों में शुमार हैं, जिन्हें बीजेपी (BJP) ने किसी भी कीमत पर देवेंद्र फडणवीस सरकार के लिए बहुमत का बंदोबस्त करने के मोर्चे पर लगाया है. भाजपा कोटे से राज्यसभा सांसद राणे को इस मोर्चे पर लगाने की वजह यह है कि वह शिवसेना और कांग्रेस में लंबे समय तक रह चुके हैं. दोनों दलों में आज भी वरिष्ठ नेताओं से लेकर विधायकों तक से राणे के निजी रिश्ते हैं. कांग्रेस के नेताओं से भी उनके अच्छे संबंध माने जाते हैं. वह सार्वजनिक रूप से कहते रहे हैं, 'मेरे दोस्त हर जगह हैं. शिवसेना (Shiv Sena) में उद्धव और कांग्रेस में अशोक चव्हाण को छोड़कर सब मेरे दोस्त हैं. यह चर्चित बयान उन्होंने वर्ष 2017 में कांग्रेस छोड़ते वक्त दिया था.
वह अजित पवार के सहयोग से देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) के नेतृत्व में बनी सरकार के लिए बहुमत का 'जुगाड़' कर भाजपा से राज्यसभा सीट मिलने का कर्ज उतारना चाहते हैं. वर्ष 2018 में गठबंधन सहयोगी शिवसेना के भारी विरोध के बावजूद भाजपा ने उन्हें अपने कोटे से राज्यसभा भेजा था.
इसे भी पढ़ें:RSS शिवसेना की बीजेपी में चाहती है वापसी! उद्धव ठाकरे ने किया ये बड़ा दावा
वहीं, विधानसभा चुनाव के दौरान उनकी पार्टी महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष का विलय कर देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें भाजपा में शामिल किया था.
12 नवंबर को महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद नारायण राणे ने कहा था, 'भाजपा की सरकार बनाने के लिए मैं पूरी कोशिश करूंगा. सरकार बनाने के लिए जो करना होगा, वो करेंगे. साम, दाम, दंड, भेद तो शिवसेना ने ही मुझे सिखाया है.'
नारायण राणे पूर्व में कह चुके हैं कि भाजपा के पास 105 विधायक हैं और पार्टी को सिर्फ 40-45 विधायकों के समर्थन की व्यवस्था करनी है.
नारायण राणे किशोरावस्था में ही शिवसेना से जुड़ गए थे। बालासाहेब ठाकरे (Balasaheb Thackeray) ने साल 1999 में उन्हें महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाया था. उस समय बालासाहेब ने मनोहर जोशी के स्थान पर उनकी ताजपोशी की थी. मगर, नारायण राणे की बालासाहेब के बेटे उद्धव ठाकरे से कभी पटरी नहीं खाई. नारायण राणे उद्धव की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाते रहे और आखिरकार शिवसेना ने तीन जुलाई, 2005 को उन्हें पार्टी से निकाल दिया.
राणे इसके बाद कांग्रेस में शामिल होकर पृथ्वीराज चव्हाण सरकार में राजस्व मंत्री बने. वर्ष 2008 में कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ बोलने पर उन्हें छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया गया. बाद में माफी मांगने पर पार्टी में उनकी वापसी हुई.
और पढ़ें:जिस होटल में विधायक ठहरे हैं वहां सादी वर्दी में पहुंची पुलिस, NCP ने लगाया जासूसी का आरोप
सितंबर, 2017 में अपनी उपेक्षा का आरोप लगाते हुए नारायण राणे ने कांग्रेस छोड़कर 'महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष' नाम से अपनी पार्टी बनाई. नजदीकियों के कारण भाजपा ने उन्हें राज्यसभा भेजा. शिवसेना के कारण राणे की पार्टी का भाजपा में विलय कुछ समय तक लटका रहा, मगर देवेंद्र फडणवीस की कोशिशों से आखिरकार विधानसभा चुनाव के दौरान 15 अक्टूबर को राणे भाजपा में शामिल होने में सफल रहे. अब उन्हें फडणवीस की दूसरी पारी के लिए बहुमत जुटाकर अपना 'कर्ज' उतारना है.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Kajol Workout Routine: 49 की उर्म में ऐसे इतनी फिट रहती हैं काजोल, शेयर किया अपना जिम रुटीन
-
Viral Photos: निसा देवगन के साथ पार्टी करते दिखे अक्षय कुमार के बेटे आरव, साथ तस्वीरें हुईं वायरल
-
Moushumi Chatterjee Birthday: आखिर क्यों करियर से पहले मौसमी चटर्जी ने लिया शादी करने का फैसला? 15 साल की उम्र में बनी बालिका वधु
धर्म-कर्म
-
Vikat Sanakashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कब? बस इस मूहूर्त में करें गणेश जी की पूजा, जानें डेट
-
Shukra Gochar 2024: शुक्र ने किया मेष राशि में गोचर, यहां जानें किस राशि वालों पर पड़ेगा क्या प्रभाव
-
Buddha Purnima 2024: कब है बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख मास में कैसे मनाया जाएगा ये उत्सव
-
Shani Shash Rajyog 2024: 30 साल बाद आज शनि बना रहे हैं शश राजयोग, इन 3 राशियों की खुलेगी लॉटरी