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बीजेपी ने विपक्ष के आरोपों को नकारा, चीन में पहला केस आने के बाद ही एक्शन में आ गई थी मोदी सरकार

भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने विपक्षी नेताओं के उन आरोपों को खारिज कर दिया है, जिसमें देश में कोरोनावायरस से निपटने के लिए देरी से कदम उठाए जाने के आरोप लगाए जा रहे हैं.

Updated on: 02 Apr 2020, 07:20 AM

नई दिल्ली:

भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने विपक्षी नेताओं के उन आरोपों को खारिज कर दिया है, जिसमें देश में कोरोनावायरस से निपटने के लिए देरी से कदम उठाए जाने के आरोप लगाए जा रहे हैं. भाजपा ने कोरोनावायरस को देश में फैलने से रोकने के लिए मोदी सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की तारीखवार रिपोर्ट जारी की है. माना जा रहा है कि इस रिपोर्ट के जरिए भाजपा ने उन सवालों का जवाब देने की कोशिश की है, जिसमें कहा जा रहा था कि राहुल गांधी ने बहुत पहले 12 फरवरी को ही ट्वीट कर सरकार को कोरोना के खतरे के प्रति आगाह कर दिया था. इन आरोपों को लेकर भाजपा का कहना है कि चीन में सात जनवरी को पहला केस आने के अगले ही दिन आठ जनवरी से मोदी सरकार एक्शन में आ गई थी. जिसके बाद से बैठकों का दौर शुरू हुआ.

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भाजपा ने अपनी इस रिपोर्ट में बताया है कि कोरोनावायरस को रोकने के लिए आठ जनवरी को भारत में विशेषज्ञों के साथ पहली बैठक हुई. फिर 17 जनवरी को चीन से आए सभी यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू हुई. 25 जनवरी को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक हुई थी. भाजपा ने कोरोनावायरस से निपटने के लिए मोदी सरकार की ओर से उठाए गए अब तक के सभी कदमों की बिंदुवार रिपोर्ट पेश किया.

भाजपा ने बताया है कि 29 जनवरी को एन-95 मास्क और पीपीई का निर्यात बंद कर दिया गया. फिर 30 जनवरी को भारत में पहला मामला सामने आने पर परीक्षण के लिए छह लैब तय की गईं. भाजपा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर भी इस रिपोर्ट को ट्वीट किया गया है.

भाजपा ने कहा है कि 31 जनवरी को छह क्वारंटीन सेंटर बने और एक फरवरी को भारत ने विदेशों से भारतीयों को वापस लाना शुरू किया. तीन फरवरी को स्थिति से निपटने के लिए मंत्री समूह गठित हुआ और चीन के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी हुई. सात फरवरी को केवल तीन मामलों के बाद 1,39,539 लोगों की जांच कर सात हजार लोगों को ट्रैक किया गया.

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भाजपा की रिपोर्ट के मुताबिक, 26 फरवरी को दक्षिण कोरिया, ईरान और इटली की यात्रा से बचने के लिए एडवाइजरी जारी की गई. वहीं तीन मार्च को सिर्फ छह मामलों की पुष्टि के बाद ही यूनिवर्सल स्क्रीनिंग शुरू हुई. चार मार्च को प्रधानमंत्री मोदी ने होली पर सामूहिक आयोजन न करने की अपील की. सात मार्च को प्रधानमंत्री मोदी ने स्थिति की समीक्षा करते हुए क्वारंटीन के लिए दिशा-निर्देश जारी किए. 14 मार्च तक सरकार ने 52 लैबों को परीक्षण के लिए तैयार किया.

प्रधानमंत्री मोदी ने 19 मार्च को देश को संबोधित किया. 22 मार्च को 75 जिलों में लॉकडाउन करते हुए सभी ट्रेन, मेट्रो और बस सेवाओं को बंद कर दिया गया. भाजपा ने बताया कि 23 मार्च को घरेलू उड़ाने बंद कर दी गई. वही 24 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी ने 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की. 26 मार्च को लॉकडाउन के कारण आर्थिक मुश्किलों का सामना कर रहे गरीबों के लिए सरकार ने 1.70 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की, जबकि 27 मार्च को आरबीआई ने सभी लोन की किश्तों और वर्किं ग कैपिटल पर ब्याज के भुगतान पर तीन महीने की राहत दी.