बेटी बचाओ: जानें महिलाओं के प्रति हिंसा मामले में कितनी सजग है दुनिया
महिलाओं के प्रति हिंसा मामलों में अलग-अलग देशों में विभिन्न कानून हैं बावजदू इसके स्थिति में बहुत ज़्यादा अंतर नहीं आया है।
नई दिल्ली:
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं के प्रति हिंसा मामलों में कानूनी सुधार को लेकर हम अभी भी अन्य देशों के मुकाबले बेहद पीछे हैं। महिलाओं के प्रति हिंसा मामलों में अलग-अलग देशों में विभिन्न कानून हैं बावजदू इसके स्थिति में बहुत ज़्यादा अंतर नहीं आया है।
महिलाओं के प्रति हिंसा मामलों में 4 प्रमुख अपराधों रेप, मेरिटल रेप, घरेलू हिंसा और यौन उत्पीड़न के खिलाफ कानूनी स्थिति पर नज़र डालें तो पता लगता है कि पश्चिमी देशों के मुकाबले पश्चिमी एशियाई देशों में हालात ज़्यादा भयावह है।
10 प्वाइंट्स में देखते हैं महिलाओं के प्रति हिंसा के मामलों में कानूनी रुप से कितनी सजग है दुनिया-
बेटी बचाओ: रेप की ऐसी भयावह घटनाएं जिसने देश को सोचने पर मजबूर कर दिया
1. यूरोप और उत्तरी अमेरिका दुनिया भर में महिलाओं के प्रति हिंसा के खिलाफ कानूनी स्तर पर सबसे ज़्यादा मज़बूत है।
2. जबकि महिलाओं के खिलाफ उत्पीड़न मामले में कानूनी कार्रवाई करने वाले देशों में सबसे पिछड़ा पश्चिमी एशिया है।
3. मेरिटल रेप जैसे कानून में इन क्षेत्र की स्थिति ज़ीरो फीसदी है। मतलब यह कि मेरिटल रेप कानून पश्चिमी देशों में मौजूद ही नहीं है।
4. भारत में ज़रुर इस मुद्दे पर बहस शुरू हो गई है और मामला सुप्रीम कोर्ट में है लेकिन फिलहाल अभी तक मेरिटल रेप देश में अपराध की श्रेणी में नहीं आता।
5. दुनियाभर में घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न और मेरिटल रेप की तुलना में सबसे ज़्यादा सख़्त कानून रेप के खिलाफ है।
बेटी बचाओ: महिला हिंसा के खिलाफ कानूनों की नहीं है कमी
6. संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक देश भर में हर तीन महिला में से एक महिला शारीरिक हिंसा या यौन उत्पीड़न का शिकार होती है। ज़्यादातर मामलों में अपने साथी द्वारा ही।
7. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में सिर्फ 40 फीसदी घरेलू हिंसा की शिकार पीड़ित महिलाएं मदद मांगती है। जबकि सिर्फ 10 फीसदी महिलाएं ही पुलिस में शिकायत करती है।
8. दुनिया में करीब 140 देशों ने घरेलू हिंसा के खिलाफ कानून पारित किया है और 144 देशों में यौन उत्पीड़न कानून है।
9. हालांकि जिन देशों में कानून हैं भी वो अंतर्राष्ट्रीय नियामकों के मुताबिक नहीं है और न ही लागू कराए जाते है।
10. दुनिया के 37 देशों ने रेप अपराधियों को सज़ा से छूट दी हुई है अगर वो पीड़िता के साथ शादी कर लेते हैं।
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