Naroda Gam Massacre: सभी आरोपियों के बरी होने पर ओवैसी ने कसा तीखा तंज
उन्होंने लिखा, 'जिधर से गुजरो धुआं बिछा दो, जहां भी पहुंचो धमाल कर दो. तुम्हें सियासत ने हक दिया है, हरी जमीनों को लाल कर दो. अपील भी तुम, दलील भी तुम, गवाह भी तुम, वकील भी तुम. जिसे भी चाहो हराम कह दो, जिसे भी चाहो हलाल कर दो.'
highlights
- बरी लोगों के रिश्तेदारों ने लगाए 'जय श्री राम' और 'भारत माता की जय' के नारे
- मुस्लिम पक्ष ने सभी आरोपियों को अदालत से बरी करने को 'काला दिन' बताया
- असदुद्दीन ओवैसी ने गुजरात सरकार पर राहत इंदौरी के शेर से कसा तंज
नई दिल्ली:
अहमदाबाद की एक विशेष अदालत ने गुरुवार को बीजेपी की पूर्व विधायक माया कोडनानी (Maya Kodnani) समेत सभी 67 आरोपियों को बरी कर दिया. नरोदा पाटिया नरसंहार मामले में सभी 67 अभियुक्तों के बरी होने पर प्रतिक्रिया देते हुए एआइएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) दिवंगत कवि राहत इंदौरी (Rahat Indori) के शेर के हवाले से गुजरात (Gujarat) की सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर निशाना साधा. बरी किए गए लोगों में भाजपा की पूर्व विधायक माया कोडनानी और बजरंग दल के पूर्व नेता बाबू बजरंगी शामिल हैं. इसके अतिरिक्त अट्ठारह अन्य अभियुक्तों की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो चुकी है, जबकि एक व्यक्ति को 'गलत पहचान' के कारण 2009 छोड़ दिया गया था. असदुद्दीन ओवैसी ने अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए राहत इंदौरी के शेर का इस्तेमाल किया. उन्होंने लिखा, 'जिधर से गुजरो धुआं बिछा दो, जहां भी पहुंचो धमाल कर दो. तुम्हें सियासत ने हक दिया है, हरी जमीनों को लाल कर दो. अपील भी तुम, दलील भी तुम, गवाह भी तुम, वकील भी तुम. जिसे भी चाहो हराम कह दो, जिसे भी चाहो हलाल कर दो.'
नरोदा पाटिया में क्या हुआ था?
2002 के गुजरात दंगों के दौरान हिंसा की सबसे बुरी घटनाओं में से एक के रूप में वर्णित यह हिंसक घटना 28 फरवरी 2002 को सामने आई. इसके ठीक एक दिन पहले गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में सवार 58 कारसेवकों को फूंक दिया गया था. कारसेवकों के फूंके जाने की प्रतिक्रियास्वरूप अहमदाबाद के नरोदा गाम में भीड़ ने ग्यारह मुसलमानों को मार डाला था. 2008 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने 86 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था. एसआईटी ने इन सभी आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था.
यह भी पढ़ेंः Poonch Attack की जिम्मेदारी जैश समर्थित संगठन PAFF ने ली, एनआईए शुरू कर रहा जांच
कोर्ट के बाहर विपरीत भावनाएं
गुरुवार को विशेष न्यायाधीश शुबदा बक्शी ने महज एक पंक्ति का फैसला कड़ी सुरक्षा के बीच सुनाया. पुलिस ने शहर के भादरा सिविल और सत्र न्यायालय परिसर क्षेत्र को चारों तरफ से बैरिकेड्स से घेर रखा था. फैसले के बाद बरी हुए लोगों के रिश्तेदारों ने 'जय श्री राम' और 'भारत माता की जय' के नारों के साथ फैसले का स्वागत किया, जबकि मुस्लिम पक्ष ने इसे 'काला दिन' बताया.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Pramanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज के इन विचारों से जीवन में आएगा बदलाव, मिलेगी कामयाबी
-
Shri Premanand ji Maharaj: मृत्यु से ठीक पहले इंसान के साथ क्या होता है? जानें प्रेमानंद जी महाराज से
-
Maa Laxmi Shubh Sanket: अगर आपको मिलते हैं ये 6 संकेत तो समझें मां लक्ष्मी का होने वाला है आगमन
-
May 2024 Vrat Tyohar List: मई में कब है अक्षय तृतीया और एकादशी? यहां देखें सभी व्रत-त्योहारों की पूरी लिस्ट