हैदराबाद गैंगरेप केस: असदुद्दीन ओवैसी ने आरोपियों के एनकाउंटर पर उठाए सवाल, कही ये बात
वहीं कुछ लोग इस एनकाउंटर को फेक बता रहे हैं. इस मामले में हैदराबाद के सांसद और एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने इस एनकाउंटर गलत ठहराया है.
नई दिल्ली:
हैदराबाद में महिला डॉक्टर के साथ हैवानियत करने वाले चारों आरोपियों को पुलिस एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया है. इस एनकाउंटर को लेकर कुछ लोग पुलिस की सराहना कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग इस एनकाउंटर को फेक बता रहे हैं. इस मामले में हैदराबाद के सांसद और एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने इस एनकाउंटर गलत ठहराया है.
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ( AIMIM Chief Asaduddin Owaisi) ने कहा, 'मैं मुठभेड़ों के खिलाफ हूं. यहां तक कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी मुठभेड़ का संज्ञान लिया है.'
Hyderabad MP and AIMIM Chief Asaduddin Owaisi: I am against encounters. Even, National Human Rights Commission has taken cognizance of the encounter. #Telangana pic.twitter.com/VgxV6r6WRB
— ANI (@ANI) December 6, 2019
वहीं, इस मामले में कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि हैदराबाद की एक महिला डॉक्टर से सामूहिक दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या करने के चार आरोपियों के शुक्रवार को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराने के मामले की कानून के अनुसार तुरंत जांच होनी चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने कहा, 'देश में कानून का शासन होना ही चाहिए. आरोपियों के मुठभेड़ में मारे जाने की तुरंत जांच होनी चाहिए.'
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हैदराबाद से करीब 50 किलोमीटर दूर शादनगर के पास चटनपल्ली में पुलिस से कथित तौर पर हथियार छीनने की कोशिश के बाद भाग रहे आरोपियों को शुक्रवार सुबह पुलिस ने मार गिराया. पुलिस वहां दुष्कर्म की रात मौका-ए-वारदात का क्राइम सीन समझने के लिए आरोपियों को लेकर गई थी.
सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि न्याय वितरण प्रणाली और नागरिकों के मानवाधिकार के बीच संतुलन होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि अधिकारियों को तुरंत इस मुठभेड़ की जांच शुरू करनी चाहिए और इस जांच को जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए.
मुठभेड़ में मारे गए चारों आरोपियों की पहचान लॉरी चालक मोहम्मद आरिफ (26) और चिंताकुंटा चेन्नाकेशावुलू (20) और लॉरी क्लीनर जोलू शिवा (20) और जोलू नवीन (20) के रूप में की गई है. सभी आरोपी तेलंगाना के नारायणपेट जिले के रहने वाले थे.
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वरिष्ठ वकील पुनीत मित्तल ने कहा कि रहस्यमय मुठभेड़ के पीछे की असली तस्वीर सामने लाने के लिए मामले की तुरंत कानूनी जांच होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि इस मुठभेड़ के पीछे के कारणों की जांच होनी चाहिए. आरोपियों के परिवार भी मामले की जांच के लिए अदालत का रुख कर सकते हैं.
वरिष्ठ वकील संजय पारेख ने कहा कि कानून के मुताबिक मुठभेड़ की जांच हत्या के रूप में की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि कानून के अनुसार, कथित मुठभेड़ में शामिल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया जाना चाहिए और उसकी जांच की जानी चाहिए.
(इनपुट IANS के साथ)
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