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लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी जम्मू-कश्मीर आरक्षण विधेयक को मिली मंजूरी, जानें कैसे सरकार हुई सफल

लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी जम्मू एवं कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2019 पास हो गया है.

Updated on: 01 Jul 2019, 08:25 PM

नई दिल्ली:

लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी जम्मू एवं कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2019 पास हो गया है. पिछले दिनों लोकसभा में जम्मू एवं कश्मीर आरक्षण अधिनियम, 2004 में संशोधन विधेयक पेश किया गया था. इस विधेयक की जगह अब जम्मू एवं कश्मीर आरक्षण (संशोधन) अध्यादेश 2019 लेगा. इसके अलावा ही राष्ट्रपति शासन को 6 महीने बढ़ाए जाने का प्रस्ताव भी पास हुआ है.

गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) बिल पेश किया था. इस बिल को लेकर शाम 7 बजे अमित शाह ने राज्यसभा सदस्यों के सवालों को जवाब दिया. उन्होंने कहा, ये दोनों बिल पास होना जरूरी है, क्योंकि इससे जम्मू-कश्मीर के लोगों को सहूलियत मिलेगी. इसके बाद राज्यसभा में सर्वसम्मति से जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) बिल पास हो गया. इसके साथ ही राष्ट्रपति शासन को भी 6 महीने बढ़ाए जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल गई है.

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लोकसभा के बाद राज्यसभा ने 3 जुलाई 2019 से आगे 6 महीने के लिए जम्मू और कश्मीर में राष्ट्रपति शासन का विस्तार करने के लिए वैधानिक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. जम्मू-कश्मीर आरक्षण बिल में टीएमसी और सपा ने समर्थन दिया है. 

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इस विधेयक से अंतर्राष्ट्रीय सीमा (आईबी) के पास रहने वाले लोगों को नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास रहने वालों की तरह ही लाभ मिलेगा. अभी तक आईबी के पास रहने वालों को जम्मू एवं कश्मीर आरक्षण अधिनियम 2004 व नियम 2005 से बाहर रखा गया था. विधेयक को पेश करने के कारणों को बताते हुए सरकार ने एक बयान में कहा था कि सीमा पर लगातार तनाव के कारण अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगे इलाकों में रहने वाले व्यक्तियों को सामाजिक-आर्थिक और शैक्षिक पिछड़ेपन का सामना करना पड़ता है.