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लोकसभा में बोले अमित शाह, कश्मीर को पूर्ण राज्य बनाने में हमें 70 साल नहीं लगेंगे

इस बीच गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, सदस्यों के मन के भाव को समझ रहा हूं, क्योंकि सब लोग 70 साल से एक दर्द को दबाकर बैठे हैं.

Updated on: 06 Aug 2019, 07:01 PM

नई दिल्ली:

लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल 2019 को लेकर चर्चा चल रही है. इस बीच गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, सदस्यों के मन के भाव को समझ रहा हूं, क्योंकि सब लोग 70 साल से एक दर्द को दबाकर बैठे हैं. उन्होंने कहा कि कहा जाता है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, लेकिन किसी अन्य राज्य को नहीं बोलते, उसकी वजह 370 है क्योंकि इसी ने जनमानस के मन में शंका पैदा की थी, कश्मीर भारत का अंग है या नहीं. धारा 370 कश्मीर को भारत से जोड़ती नहीं बल्कि जोड़ने से रोकती है, जो आज सदन के आदेश के बाद खत्म हो जाएगी. 

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अमित शाह ने आगे कहा, एक बार देश के प्रधानमंत्री की दृढ़ राजनीति को नमन करना चाहता हूं, क्योंकि उन्होंने साहस दिखाकर इसे खत्म करने का फैसला लिया. गृह मंत्री ने कहा कि उचित समय और हालात सामान्य होते ही जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने पर सरकार को कोई आपत्ति नहीं है.

उन्होंने आगे कहा, मोदी सरकार पीओके (PoK) को कभी देने वाली नहीं है और वहां की 24 सीटें आज भी हमारा हिस्सा रहने वाली हैं. इस पर हमारा दावा उतना ही मजबूत है जितना पहले था. अमित शाह ने कश्मीर मुद्दा UN में होने के अधीर रंजन के सवाल पर जवाब देना चाहा, जिसपर फिर से चौधरी ने खड़े होकर गृह मंत्री से स्थिति साफ करने को कहा.

अमित शाह ने कहा कि कश्मीर मुद्दा 1948 में UN में पहुंचा था. लेकिन जब भारत-पाकिस्तान ने UN को प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया तब किसी भी देश की सेना को सीमाओं के उल्लंघन का अधिकार नहीं था. लेकिन 1965 में पाकिस्तान की ओर से सीमा का उल्लंघन करने पर यह प्रस्ताव खारिज हो गया था. जम्मू कश्मीर के लिए इस सदन को संपूर्ण अधिकार हासिल हैं कोई भी बाध्यता नहीं है.

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गृह मंत्री ने मनीष तिवारी से सवाल करते हुए कहा, जब हमारी सेना कश्मीर में विजयी हो रही थी और पाकिस्तानी कबीलाइयों को भगाया जा रहा था तब अचानक शस्त्र विराम किसने किया, वो भी नेहरू जी ने किया और उसी के कारण आज पीओके है, अगर सेनाओं को उस वक्त छूट दी होती तो पूरा पीओके भारत का हिस्सा होता. 

अमित शाह ने आगे कहा, इसी रास्ते पर चलकर कांग्रेस ने 2 बार 370 के अंदर संशोधन किया है. क्या उस वक्त वो रास्ता ठीक था, रास्ता तो ठीक है, लेकिन यह आपके वोट बैंक के आड़े आता है इसलिए आपको ठीक नहीं लगता है. उन्होंने सुप्रिया सुले के सवालों पर कहा, वहां 1989-95 तक आतंकवाद इतना बढ़ा कि सालों तक कश्मीर में कर्फ्यू रखना पड़ा था, हमने स्थिति न बिगड़े इसके लिए इंतजाम किए हैं. सरकार पहले से तैयार है और उससे नहीं रोका जा सकता. वहां से सुरक्षा बल नहीं हटेंगे और न हम दबाव में आएंगे.

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अमित शाह ने कहा कि 70 साल तक चर्चा चल रही है तीन पीढ़िया आ गईं, जो पाकिस्तान से प्रेरणा लेते हैं उनसे चर्चा करें, हम हुर्रियत से चर्चा नहीं करना चाहते हैं. अगर घाटी के लोगों में कोई शंका है तो हम उन्हें सीने से लगाएंगे और चर्चा भी करेंगे. गृह मंत्री ने लोकसभा में कहा, जम्मू-कश्मीर ने दर्द को सहा है और 40 हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैं. उनके विकास के लिए जो भी करना है वो हम करके दिखाएंगे. मोदीजी का दिल बड़ा है पहले कार्यकाल में सवा लाख करोड़ दिया था, जिसमें से 80 हजार करोड़ खर्च हो चुका है और भी देने जा रहे हैं.

अमित शाह ने कहा कि इतिहास में जो गलतियां हुई थीं उन्हें हम नहीं दोहराने जा रहे. उन्होंने कहा कि बेरोजगारी हर राज्य की समस्या है, लेकिन वहां आतंकवाद क्यों नहीं पनपा, धारा 370 से घाटी में अलगाववाद बढ़ा, जिस पर पाकिस्तान ने पेट्रोल डालने का काम किया. आंध्र का विभाजन बगैर चर्चा के हुआ. विधानसभा ने प्रस्ताव खारिज किया, मुख्यमंत्री ने इस्तीफा दे दिया, फिर आपने कैसी चर्चा करके यह फैसला लिया. अगर आपने किया तो अब हमें क्यों टोक रहे हैं. मार्शलों ने सांसदों को बाहर फेंका, काला दिन आज नहीं है, काला दिन वो था.

अमित शाह ने आगे कहा, केंद्र शासित प्रदेश का सवाल है तो बता दूं कि यह लद्दाख की मांग थी, लेकिन कश्मीर के बारे में फिर से विचार किया जाएगा. नेहरू ने तो 370 को भी अस्थाई बताया था उसे हटाने में 70 साल लगे, लेकिन हमें 70 साल नहीं लगेंगे. जम्मू कश्मीर में विधानसभा, मुख्यमंत्री, मंत्री सब रहेंगे. जनमत संग्रह तभी खत्म हो गया जब पाकिस्तान ने भारत की सीमाओं को तोड़ा था, अब यूएन में जनमत संग्रह का कोई मुद्दा नहीं है. घाटी में स्थिति न बिगड़े इसके लिए कर्फ्यू डाला है, स्थिति बिगड़ी है इसलिए नहीं लगाया. जम्मू कश्मीर के लिए बनाया गया कानून किसी भी सूरत में सांप्रदायिक नहीं हो सकता है. इस आरोप में सिरे से खारिज करता हूं.

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गृह मंत्री ने आगे कहा, 41 हजार लोग मारे गए फिर भी क्या हम उसी रास्ते पर चलना चाहते हैं. 70 साल इसी रास्ते पर चले हैं. अब क्या रास्ता बदलना नहीं चाहिए, कब तक वोट बैंक की राजनीति करते रहेंगे, कब देश हित और घाटी के हित के बारे में सोचेंगे, लद्दाख के युवाओं के बारे में कब सोचेंगे. जम्मू कश्मीर के अंदर मोदी सरकार में होने वाले विकास को पूरी दुनिया देखेगी.

उन्होंने कहा, हम सिर्फ वोट बैंक और चुनावी फायदे के लिए ऐसे फैसले नहीं लेते, बल्कि देश हित और देश की सुरक्षा के लिए ऐसे फैसले लिए जाते हैं. घाटी की जनता की भलाई के लिए ही यह फैसले लिए जा रहे हैं. धारा 370 के फायदों के बारे में एक भी सदस्य ने नहीं बताया अगर इसे चालू रखना है तो इसका कुछ फायदा भी तो होना चाहिए.

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, जो कश्मीर में धारा 370 लागू रखना चाहते हैं वह लोग बाल विवाह का समर्थन करते हैं और उसे जारी रखना चाहते हैं. जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में आज तक बाल विवाह कानून लागू नहीं है. वहां के सिख, जैन और बौद्ध भाइयों के लिए अल्पसंख्यक आयोग क्यों नहीं बनना चाहिए. शिक्षा का अधिकार जम्मू-कश्मीर के बच्चों को क्यों नहीं मिलना चाहिए. भूमि अधिग्रहण और दिव्यागों को लिए बने कानून में वहां लागू नहीं होते हैं. देशभर में परिसीमन हुआ, लेकिन जम्मू-कश्मीर में कितनी भी आबादी बढ़ जाए, लेकिन परिसीमन नहीं हो सकता क्योंकि वोट बैंक को परेशानी हो रही थी, लेकिन 370 के हटते ही परिसीमन किया जा सकेगा.

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अमित शाह ने कहा, जम्मू-कश्मीर में चिंता 370 की नहीं है, बल्कि राष्ट्रपति शासन में खुलने वाली फाइलों से चिंता है. राष्ट्रपति शासन आते ही वहां ठंड में पसीने आने लगे हैं और अब फाइलें खुल रही हैं. दलितों और आदिवासियों के आरक्षण का क्या कांग्रेस विरोध कर रही है. वहां के लोगों को आरक्षण का लाभ क्यों नहीं मिलना चाहिए, धारा 370 के पक्ष में खड़े लोग क्या इस आरक्षण के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा, धारा 370 को बचाने वाले यह भी याद रखें उन्हें जनता के बीच जवाब देना होगा. इस धारा से जम्मू-कश्मीर के विकास को रोका गया और लोकतंत्र का गला घोंटा गया. वहां कांग्रेस सरकार में आए संविधान संशोधन भी लागू नहीं हुए, क्योंकि वोट बैंक प्रभावित हो रहा था. तीन परिवारों की वजह से वहां का विकास नहीं हो सका. 

अमित शाह ने कहा, अगर तीन परिवारों के नाम बता दूंगा तो तिलमिला जाएंगे, पूरा देश जानता है कि वो कौन तीन परिवार हैं. जल कल्याण का जो पैसा केंद्र से गया उससे जनता का पूरा विकास नहीं हुआ, क्योंकि 370 की वजह से भ्रष्टाचार चलता रहा. यह पैसा कहा गया, इसी 370 को ढाल बनाकर भ्रष्टाचार करने का काम वहां के नेताओं ने किया है. अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद का मूल गरीबी नहीं है, गरीब देश का वफादार होता है कभी हाथ में हथियार नहीं उठाता. धारा 370 का दुष्प्रचार हुआ जिससे वहां आतंकवाद बढ़ता चला गया, लोगों को बरगलाया गया और वहां की जनता को गरीबी के अलावा कुछ नहीं मिला. देशभर के बाकी राज्यों में आतंकवाद क्यों नहीं पनपा क्योंकि वहां 370 नहीं थी जो अलगाववाद का मूल पैदा करती थी.