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कारगिल एयरस्ट्रिप पर पहली बार रात में हुई वायुसेना के हर्क्युलस विमान की लैंडिंग, सामने आया Video

Kargil Airstrip: भारतीय वायुसेना एक के बाद एक उपलब्धियां हासिल कर रही है. अब वायुसेना के हर्क्युलस विमान ने रात के अंधेरे में कारगिल एयरस्ट्रिप पर लैंडिंग कर नया कारनामा किया है.

Updated on: 07 Jan 2024, 11:57 AM

highlights

  • वायुसेना ने हासिल की एक और उपलब्धि
  • रात के अंधेरे में कारगिल में कराई विमान की लैंडिंग
  • सी-130जे सुपर हर्क्यूलस विमान ने की लैंडिंग

नई दिल्ली:

Kargil Airstrip: भारतीय वायुसेना एक के बाद एक उपलब्धियां हासिल कर रही है. अब वायुसेना ने कारगिल में रात के अंधेरे में एक विमान की लैंडिंग कराकर अपनी ताकत का परिचय कराया. जिसका एक वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में वायुसेना का हर्क्युलस विमान रात के अंधेरे में कारगिल एयरस्ट्रिप पर लैंड करते देखा जा सकता है. भारतीय वायुसेना की इस उपलब्धि को काफी अहम माना जा रहा है. क्योंकि इस इलाके में सुरक्षा की दृष्टि से ये बहुत बड़ा कदम है. इस इलाके में अपनी ताकत और मौजूदगी को बढ़ाने के लिए वायुसेना और थल सेना दोनों तेजी से काम कर रही हैं. वायुसेना ने कारगिल एयरस्ट्रिप पर रात के अंधेरे में जिस विमान की लैंडिंग कराई वह विमान सी-130जे सुपर हर्क्युलस है.

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भारतीय वायुसेना ने दी जानकारी

इस बारे में भारतीय वायुसेना ने एक ट्वीट किया और इसके बारे में जानकारी दी. भारतीय वायुसेना ने अपने ट्वीट में लिखा, "पहली बार वायुसेना के सी-130जे एयरक्राफ्ट ने कारगिल एयरस्ट्रिप पर रात के समय लैंडिंग की है. इस अभ्यास के दौरान टेरेन मास्किंग का काम करते हुए गरुड़ कमांडो को भी तैनात किया गया." बता दें कि टेरेन मास्किंग एक सैन्य रणनीति है, जिसमें दुश्मन के रडार से बचने के लिए पहाड़ों, पहाड़ियों, जंगलों जैसी प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल किया जाता है. जिससे दुश्मन के रडार में वायुसेना का कोई विमान न आ जाए. इस टास्क का मकसद दुश्मन से छिपकर अपने अभियान को पूरा करना  है. जिससे दुश्मन को मात दी जा सकती है.

जानें कारगिल में रात में क्यों मुश्किल होती है लैंडिंग?

बता दें कि कारगिल चारों तरफ से पहाड़ों से घिरा हुआ इलाका  है. जहां किसी भी विमान की लैंडिंग करना काफी चुनौतीपूर्ण होता है. वहीं सर्दियों के समय में तो ये चुनौती और बढ़ जाती है. क्योंकि यहां बर्फबारी होने से लैंडिंग करना काफी मुश्किल होता है. वहीं रात के अंधेरे में तो ये काम करना नामुमकिन जैसा होता है. क्योंकि लैंडिंग के दौरान विमान को रात के अंधेरे में न सिर्फ पहाड़ों से बचना होता है, बल्कि लैंडिंग के लिए सिर्फ नेविगेशन की ही मदद लेनी पड़ती है.

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ये हैं हर्क्यूलस विमान की खूबियां

बता दें कि वायुसेना के सी-130जे सुपर हर्क्यूलस विमान कई खूबियों से लैस है. इस विमान को उड़ाने के लिए कम से कम तीन क्रू मेंबर्स की जरूरत होती है. जिसमें दो पायलट्स के साथ एक लोडमास्टर का होना जरूरी होता है. ये विमान एक बार में 19 टन यानी 19000 किग्रा सामान लेकर उड़ान भर सकता है. इस विमान में चार रोल्स-रॉयस AE 2100D3 टर्बोप्रॉप इंजन लगे हुए हैं. जो एक घंटे में 644 किमी का सफर तय करता है. यही नहीं ये विमान बिना तैयार किए गए रनवे से टेकऑफ और लैंडिंग करने में सक्षम है.