एमसीडी चुनाव 2017: आप, बीजेपी,कांग्रेस ईवीएम से लेकर मोदी लहर तक, जानिए किसने क्या कहा
दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने एमसीडी जीत को बताया ईवीएम लहर।
नई दिल्ली:
मोदी लहर के बूते बीजेपी दिल्ली एमसीडी चुनाव में तीनो निकाय पर भारी बहुमत से जीत दर्ज़ करने जा रही है। चुनाव परिणाम के रुझान को देखते हुए सभी राजनीतिक दल अलग अलग प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
कोई इसे ईवीएम की जीत बता रहा है तो कोई हार पर अपनी पार्टी के मुखिया पर ही निशाना साध रहे हैं। कोई हार की खीझ पर इस्तीफा दे रहा है तो कोई हार के बाद विधायक पद से इस्तीफा देकर केजरीवाल का आंदोलन में साथ देने की बात कर रहा है।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने हार का ठिकरा ईवीएम पर फोड़ते हुए कहा, बीजेपी ने वर्ष 2009 का चुनाव हारने के बाद पांच साल तक ईवीएम पर रिसर्च कर महारत हासिल की और आज उसी रिसर्च और महारत के दम पर चुनाव जीत रही है।
उन्होंने कहा, 'दिल्ली में ईवीएम की लहर चलाने की कोशिश की गई है। दिल्ली में बीजेपी ने कूड़ा, डेंगू फैलाने का काम किया है। फिर भी बीजेपी की जीत हुई है। यह आश्चर्यजनक है, बीजेपी की जीत की कोई वजह नहीं है।'
उन्होंने कहा कि बीजेपी की जीत का अंतर इतना बड़ा नहीं हो सकता है। मनीष सिसोदिया ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि 2009 में चुनाव हारने के बाद बीजेपी ने ईवीएम पर सिर्फ रिसर्च ही नहीं की, बल्कि इनके नेता जीबीएल नरसिंहाराव व लालकृष्ण आडवाणी ने किताबें भी लिखीं, और इनके नेता सुप्रीम कोर्ट भी गए थे। उसी टैंपरिंग के हिसाब से ये लोग चुनाव जीत रहे हैं।
दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने भी इस जीत को मोदी लहर की बजाय ईवीएम लहर बताते हुए कहा कि बीजेपी ईवीएम की आड़ में लोकतंत्र को खत्म करके तानाशाही लाने की कोशिश कर रही है।
वहीं आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान ने पार्टी आलाकमान पर निशाना साधते हुए कहा कि पंजाब चुनाव से पहले लिए गए कुछ फैसलों की वजह से आम आदमी पार्टी को बड़ा नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि ईवीएम की खामी निकालने से कोई फायदा नहीं होने वाला। चुनावों की रणनीति को लेकर पार्टी ने ऐतिहासिक गलतियां की हैं। पार्टी को आत्मविश्लेषण करना चाहिए, जिससे पता चल सके कि हार क्यों हुई।
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तो वहीं दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी के पुराने साथी मयंक गांधी ने भी केजरीवाल पर निशाना साधा है। मयंक गांधी ने ब्लॉग में लिखा है कि इस हार का मुख्य कारण आम आदमी पार्टी का अहंकार है, जिसके कारण यह हार हुई है। अब केजरीवाल को सुधार करने के लिए उचित समय है।
दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी और स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने दिल्ली के सीएम केजरीवाल पर निशाना साधते हुए उनके इस्तीफे की मांग की है। जिसके जवाब में आप नेता आशुतोष ने कहा कि केजरीवाल इस्तीफा नहीं देंगे।
हार के बाद चांदनी चौक से आम आदमी पार्टी विधायक अलका लांबा ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफे की पेशकश की है। उन्होंने अपने क्षेत्र के तीनों वॉर्ड में आप को मिली हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश की है।
आप विधायक अलका लांबा ने अपने इलाके में पार्टी के खराब प्रदर्शन के कारण इस्तीफे की पेशकश की है। अलका लांबा दिल्ली के चांदनी चौक इलाके से विधायक हैं। लांबा ने कहा कि वो अपने पद से इस्तीफा देकर केजरीवाल के साथ आंदोलन करना चाहती हैं।
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अलका लांबा ने ट्वीट किया है कि मैं व्यक्तिगत रूप से तीनों वार्ड में हुई हार की जिम्मेदारी लेते हुए पार्टी को अपने सभी पदों से और विधायक पद से इस्तीफे की पेशकश करती हूं। मैं आप द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन और नेता अरविंद केजरीवाल को तब तक ताकत देती रहूंगी जब तक यह लड़ाई अपने अंजाम तक नहीं पहुंच जाती। हम सब जानते हैं की आज के माहौल में इंसाफ के लिये और भ्रष्टाचार के खिलाफ यह जंग आसान नहीं है,फिर भी बदलाव के लिए यह जंग यूं ही जारी रहेगी।
इससे पहले कांग्रेस के दिल्ली अध्यक्ष अजय माकन ने भी इस्तीफे की पेशकश की है। माकन ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि वे आगामी एक साल तक पार्टी वर्कर बन कर रहेंगे।
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और दिल्ली में लगातार तीन बार मुख्यमंत्री रहने वाली शीला दीक्षित ने एमसीडी चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी को सलाह देते हुए कहा है, 'यह जनता का जनादेश है, इसे सम्मान के साथ स्वीकार किया जाना चाहिए।'
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आक्रामक प्रचार नहीं किया, इस वजह से कांग्रेस पिछड़ गई। जब उनसे पूछा गया कि आपने प्रचार क्यों नहीं किया तो शीला दीक्षित ने कहा, 'मैंने इसलिए प्रचार नहीं किया क्योंकि पार्टी ने इसके लिए मुझे आमंत्रित नहीं किया। मैं अपने आप से तो ऐसा नहीं कर सकती थी।'
वहीं बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने इस जीत को अप्रत्याशित बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जो सरकार चल रही है, उससे जो पूरे देश में काम का संदेश गया है, यह उसकी जीत है। दिल्ली की जनता ने साफ कर दिया है कि नकारात्मक, बहानेबाजी की राजनीति नहीं चलेगी। जनता ने पीएम मोदी के तीन सालों के काम पर मुहर लगाई है।
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