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दाती महाराज के आश्रम में कई गड़बड़ियां, लड़कियों के पते का कोई रिकॉर्ड नहीं: महिला आयोग

पाली में दाती महाराज के आश्रम में राज्य महिला आयोग की टीम ने कई अनियमितताएं पाई हैं। अयोग की प्रमुख ने शनिवार को इस बात की जानकारी दी।

Updated on: 24 Jun 2018, 06:06 PM

जयपुर:

पाली में दाती महाराज के आश्रम में राज्य महिला आयोग की टीम ने कई अनियमितताएं पाई हैं। अयोग की प्रमुख ने शनिवार को इस बात की जानकारी दी।

राजस्थान महिला आयोग की अध्यक्ष सुमन शर्मा ने बताया कि पाली आश्रम में चल रहे स्कूल और कॉलेजों में सभी नियमों का उल्लंघन किया गया है।

संस्थान के पंजीकरण का नवीनीकरण पिछले तीन साल से नहीं कराया गया है, और वहां निवास कर रहीं महिला विद्यार्थियों के बारे में इस तरह का कोई रिकॉर्ड नहीं है कि वे कहां से ताल्लुक रखती हैं।

शर्मा ने यह भी कहा कि आश्रम में कितनी लड़कियां हैं, इसका भी कोई रिकॉर्ड दर्ज नहीं है। एक नोटबुक में केवल सौ लड़कियों के नाम दर्ज थे।

उन्होंने कहा, 'आश्चर्य की बात यह है नोटबुक में लड़कियों के पिता का नाम कुछ और तो शपथ-पत्र में कुछ और है। साथ ही आयु संबंधित सूचना भी झूठी मालूम पड़ रही है।'

शर्मा ने कहा, 'जब मेरी टीम आश्रम गई, तो हमें वहां दो लोग मिले, जिसमें से एक ने खुद को प्रधानाचार्य और दूसरे ने खुद को बतौर कैशियर पेश किया। जब उनसे शिक्षा विभाग की एनओसी के बारे में पूछा गया तो उन्हें इस बारे में पता ही नहीं था। ये अनाथ लड़कियां कहां से आई हैं और कब से यहां रह रही हैं, इसका कोई स्पष्ट रिकॉर्ड नहीं था। स्कूल, कॉलेज और छात्रावास का भी कोई रिकॉर्ड नहीं मिला।'

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उन्होंने यह भी कहा कि आश्रम के कर्मचारी सहयोग नहीं कर रहे थे।

उन्होंने कहा, 'हमें सूचित किया गया कि यहां 151 लड़कियां हैं, लेकिन हमारी टीम ने परिसर में 253 लड़कियों को पाया। वे गोधरा और उदयपुर क्षेत्र से संबंधित जनजातीय लड़कियां थीं। वे हमारी टीम से बात करने से काफी डर रही थीं और उन्होंने कई बार बयान बदले। एक समय में उन्होंने कहा कि वे 15 दिन पहले आश्रम आई थीं, जबकि दूसरी बार उन्होंने कहा कि उन्हें आए हुए 30 दिन हो गए हैं। उनके बदलते बयानों ने हमारी टीम के सदस्यों के बीच संदेह पैदा किया।'

जिला कलेक्टर को लिखे एक पत्र में पूछा गया है कि इस आश्रम में रिकॉर्ड की जांच के लिए क्यों कोई कार्रवाई नहीं की गई, और सामाजिक न्याय विभाग को इन लड़कियों को अपनी हिरासत में लेने के लिए कहा गया है।

शर्मा ने कहा, 'हमने अपने निष्कर्षो को संबंधित विभागों को भेजा है और अगले तीन दिनों में इसका जवाब मिलने का इंतजार कर रहे हैं, जिसके बाद हम अपने भावी कदम पर फैसला करेंगे।'

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