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86 साल बाद 'वायरलेस' हुई वाराणसी, ओवरहेड बिजली के तारों से मिला छुटकारा

वाराणसी के लोगों को 86 साल के बाद ओवरहेड बिजली के तारों की बड़ी झंझट से छुटकारा मिल गया है।

Updated on: 25 Mar 2018, 08:54 PM

नई दिल्ली:

वाराणसी के लोगों को 86 साल के बाद ओवरहेड बिजली के तारों की बड़ी झंझट से छुटकारा मिल गया है।

शहर के 16 स्क्वॉयर किलोमीटर इलाके में लंका चौक, गदौलिया बाजार, अस्सी जानेवाली गलियों में बिछ रहे अंडरग्राउंड बिजली के तारों का काम विभाग ने पूरा कर लिया है।

गौरतलब है कि तत्कालीन बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने जून 2015 में 432 करोड़ से अंडरग्राउंड केबल बिछाए जाने की घोषणा की थी। सितंबर 2015 में पीएम नरेंद्र मोदी ने इस योजना का उद्घाटन किया, दिसंबर 2015 में शुरू हो गया था।

पीयूष गौयल ने पीएम के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को एक साल में पूरा करने का दावा किया था। वो इस प्रौजेक्ट की निगरानी खुद कर रहे थे।

अधिकारियों की मानें तो इस प्रौजेक्ट को अमली जामा पहनाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

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आईपीडीएस के प्रोजेक्ट मैनेजर सुधाकर गुप्ता ने कहा,' आईपीडीएस का काम पूरा करने में हमें यह महसूस हुआ कि अंडरग्राउंड केबल बिछाने के लिए यह सबसे मुश्किल शहर है। कंपनी को काम खत्म करने में पूरे 2 साल का वक्त लगा।'

गौरतलब है कि जिन इलाकों में अंडरग्राउंड तार बिछाए जाने थे वहां कई संकरी और टेढ़ी-मेढ़ी गलियों के साथ बाजार भी हैं।

वहीं अंडरग्राउंड केबल का काम पूरा होने के बाद लगभग 50,000 ग्राहकों को फायदा होगा।

बता दें कि अंडरग्राउंड केबल का काम इंटीग्रेटेड पावर डिवेलपमेंट स्कीम प्रॉजेक्ट (आईपीडीएस) के तहत पूरा किया गया है।

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