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सुप्रीम कोर्ट का प्रतिबंधित ईंधन पेट कोक और फर्नेस ऑयल पर बैन हटाने से इंकार

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के उद्योगों में प्रदूषित ईंधन पेट कोक और फर्नेस ऑयल के प्रयोग पर लगी रोक को हटाने से इनकार कर दिया है।

Updated on: 22 Nov 2017, 01:12 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के उद्योगों में प्रदूषित ईंधन पेट कोक और फर्नेस ऑयल के प्रयोग पर लगी रोक को हटाने से इनकार कर दिया है।

एनटीपीसी और हिंडाल्को ने फर्नेस ऑयल के बजाए नेचुरल गैस के इस्तेमाल करने में दिक्कतों का हवाला देकर छूट की मांग की थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इससे इंकार कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'क्या दिल्ली में रह रहे और प्रदूषण झेल रहे लोग, बच्चे इस देश का हिस्सा नहीं है। कैसे NTPC उनके लिए बेफिक्र हो सकता है?'

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 24 अक्टूबर को एक आदेश जारी कर 1 नवंबर से चार राज्यों राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश व दिल्ली में पेट-कोक व फर्नेस ऑयल के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया था।

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कोर्ट ने इस मामले में लचर रवैया अपनाने को लेकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय पर दो लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था।

उद्योगों की ओर से वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रमण्यम ने कहा, 'प्रदूषण को लेकर उद्योग भी चिंतित हैं। इसके लिए केंद्र सरकार ने पिछले 23 अक्टूबर को ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया है। सरकार 31 दिसंबर तक उद्योगों के धुंए को लेकर मानक तैयार कर लेगी जिसके तहत उद्योगों को भी राहत दी जाए। उद्योगों को तकनीक बदलने के लिए समय चाहिए।'

अदालत ने अपने इस साल के 2 मई के आदेश में कहा था कि दिल्ली में फर्नेस ऑयल और पेट कोक का इस्तेमाल निषेध है। अदालत 1985 में पर्यावरणविद् एम मेहता द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिन्होंने दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का मुद्दा उठाया था।

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