logo-image

सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा में अवैध खनने करनेवालों पर लगाया 100 फीसदी जुर्माना

ओडिशा में अवैध खनन में शामिल कंपनियों को एक बड़ा झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राज्य मे मंजूरी के बिना खनन करने वाले खनन पट्टाधारकों पर 100 फीसदी जुर्माना लगाया है।

Updated on: 02 Aug 2017, 11:12 PM

highlights

  • ओडिशा में अवैध खनन करने वालों पर सुप्रीम कोर्ट ने कसा शिकंजा, लगेगा 100 फीसदी जुर्माना
  •  31 दिसंबर तक जुर्माना नहीं देने पर होगी कार्रवाई

नई दिल्ली:

ओडिशा में अवैध खनन में शामिल कंपनियों को एक बड़ा झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राज्य मे मंजूरी के बिना खनन करने वाले खनन पट्टाधारकों पर 100 फीसदी जुर्माना लगाया है। न्यायामूर्ति मदन बी.लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की दो सदस्यीय पीठ ने कंपनियों से बकाया राशि को 31 दिसंबर या उससे पहले जमा करने को कहा है।

राज्य सरकार ने अवैध खनन के लिए 2000 से 2010 में खदानों पर 60,000 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया है। सुप्रीम कोर्ट से नियुक्त की गई केंद्रीय आधिकार प्राप्त समिति ने सिफारिश की है कि राष्ट्रीय मूल्य का करीब 30 फीसदी खनन कंपनियों से वसूल किया जा सकता है।

अदालत ने कहा, 'सभी खनन पट्टाधारकों को बकाया धनराशि को 31 दिसंबर, 2017 या उससे पहले जमा किया जाना चाहिए। वैधानिक जरूरतों के अनुपालन, मुआवजे और दूसरे बकाये के पूर्ण भुगतान के बाद खनन पट्टाधारक खनन फिर शुरू कर सकते हैं।'

ये भी पढ़ें: CRPF के सहारे कर्नाटक के मंत्री के 39 ठिकानों पर छापा, 7.5 करोड़ रुपये जब्त

उन्होंने कहा, 'वर्तमान में हम जांच या केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच के निर्देश का प्रस्ताव नहीं दे रहे हैं, क्योंकि यह तात्कालिक चिंता का विषय है कि अतीत से सबक सीखा जाए जिससे कि लापरवाही से देश के दूसरे हिस्सों में अवैध खनन कार्य को दोहराया नहीं जा सके।'

अदालत ने केंद्र को निर्देश दिया कि वह राष्ट्रीय खनिज नीति 2008 पर नए सिरे से गौर करे और 31 दिसंबर तक कार्य पूरा करे। ओडिशा सरकार ने कहा कि उसने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर कानूनी राय लेने के बाद पट्टाधारकों से अतिरिक्त खनन के लिए जुर्माना लगाना तय किया।

ये भी पढ़ें: शरद यादव का बागी रुख, जेडीयू की बैठक से पहले करेंगे सेमिनार