ईस्टर संडे के दिन श्रीलंका के चर्च में सीरियल धमाके, शक की सुई मुस्लिम संगठन पर
पुलिस ने बताया कि ये धमाके सुबह 8 बजकर 45 मिनट पर ईस्टर प्रार्थना सभा के दौरान पश्चिमी तटीय शहर नेगेंबो के सेंट सेबेस्टियन चर्च, कोलंबो के सेंट एंथनी और बट्टिकलोवा के एक चर्च में हुए.
नई दिल्ली:
ईस्टर संडे के दिन श्रीलंका में तीन गिरजाघरों और तीन होटलों में करीब एक साथ हुए 6 विस्फोट हुए. अधिकारियों के मुताबिक इन विस्फोटों में लगभग 187 लोगों की मौत हो गई और 300 से भी ज्यादा लोग घायल हो गए. यह हमला श्रीलंका के इतिहास में सबसे भयानक हमलों में से एक है. पुलिस ने बताया कि ये धमाके सुबह 8 बजकर 45 मिनट पर ईस्टर प्रार्थना सभा के दौरान पश्चिमी तटीय शहर नेगेंबो के सेंट सेबेस्टियन चर्च, कोलंबो के सेंट एंथनी और बट्टिकलोवा के एक चर्च में हुए. वहीं तीन अन्य विस्फोट तीन 5 स्टार होटलों- द सिनामोन ग्रांड, द किंग्सबरी और शंगरीला में हुए. होटल में हुए विस्फोट में घायल विदेशी और स्थानीय लोगों को कोलंबो के अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
वहीं 'गल्फ न्यूज' ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि, श्रीलंका के पुलिस प्रमुख ने 10 दिन पहले ही वहां किसी बड़े आतंकी हमले का इनपुट दे चुके थे. उन्होंने अपने इनपुट में बताया था कि फिदायीन हमलावर देश के प्रमुख चर्चों को निशाना बना सकते हैं. गल्फ न्यूज ने एएफपी के हवाले से यह खबर दी है. पुलिस प्रमुख पुजुथ जयसुंदर ने 11 अप्रैल को देश के आला पुलिस अधिकारियों को इनपुट भेजा था जिसमें हमले के प्रति आगाह करने की बात कही गई थी.
इंटेलीजेंस अलर्ट में एक विदेशी इंटेलीजेंस एजेंसी का भी इनपुट जोड़ा गया था और कहा गया था कि नेशनल तौहीत जमात (NTJ) नामक संगठन श्रीलंका के कुछ अहम गिरजाघरों को निशाना बनाने की फिराक में है. इनपुट में यह जानकारी भी दी गई थी कि कोलंबो में स्थित भारतीय उच्चायुक्त भी इस संगठन के निशाने पर था. यहां हम आपको बता दें कि जिस एनटीजे का नाम श्रीलंका के धमाके में उछला है, वह कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन है. पिछले साल भी यह संगठन सुर्खियों में आया था जब वहां कुछ बौद्ध धर्मस्थलों पर हमला किया गया था. हालांकि अभी तक इस हमले की जिम्मेदारी किसी भी संगठन ने नहीं ली है.
आर्थिक सुधार और लोक वितरण मंत्री हर्ष डी सिल्वा ने कहा, ‘विदेशी लोगों समेत कई लोग मारे गए हैं.’ इस हमले की जिम्मेदारी अभी तक किसी ने नहीं ली है. हालांकि इससे पहले श्रीलंका में लिट्टे (एलटीटीई) ने कई हमले किए हैं, लेकिन 2009 में लिट्टे का खात्मा हो गया था.
श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने वहां के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. सिरिसेना ने कहा, ‘मैं इस अप्रत्याशित घटना से सदमे में हूं. सुरक्षाबलों को सभी जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.’ एक मंत्री ने बताया कि श्रीलंका की सरकार ने आपात बैठक बुलाई है. सभी आपातकालीन कदम उठाए गए हैं और जल्द ही आधिकारिक बयान जारी किया जाएगा. हर्ष डि सिल्वा ने कहा, ‘बेहद भयावह दृश्य, मैंने लोगों के शरीर के अंगों को इधर-उधर बिखरा देखा. आपातकालीन बल सभी जगह तैनात हैं.’ वहीं कोलंबो में भारतीय उच्चायुक्त ने ट्वीट किया, ‘विस्फोट आज कोलंबो और बट्टिकलोवा में हुए. हम स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए हैं. भारतीय नागरिक किसी भी तरह की सहायता और मदद और स्पष्टीकरण के लिए इन नंबरों पर फोन कर सकते हैं- +94112422789, +94112422788 और +94777903082.’
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