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बुलंदशहर हिंसा: शहीद सुबोध कुमार के परिजनों ने की सीएम योगी से मुलाकात, कहा- न्याय का मिला भरोसा

सीएम से मुलाक़ात के बाद सुबोध कुमार के पूत्र श्रेय प्रताप सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमने आज मुख्यमंत्री से मुलाक़ात की. उन्होंने हमें घटना को लेकर पूरा न्याय देने की बात कही है.

Updated on: 06 Dec 2018, 12:26 PM

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को बुलंदशहर भीड़ हिंसा मामले में शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के परिजनों से मुलाकात की. इस दौरान यूपी के डीजीपी ओपी सिंह और प्रदेश के खाद्य एवं रसद मंत्री अतुल गर्ग भी सीएम आवास पर मौज़ूद थे. यह मुलाकात यहां मुख्यमंत्री के पांच कालिदास मार्ग निवास में हुई थी, जहां शहीद सुबोध की पत्नी सुनीता और उनके बेटे श्रेय और अभिषेक मौजूद थे.एक अधिकारी ने बताया, योगी ने शहीद के परिवार से कहा कि सरकार इस त्रासदी के समय में उनके साथ खड़ी है और हमेशा उनके साथ रहेगी.' 

सीएम से मुलाक़ात के बाद सुबोध कुमार के पुत्र श्रेय प्रताप सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमने आज मुख्यमंत्री से मुलाक़ात की. उन्होंने हमें घटना को लेकर पूरा न्याय देने की बात कही है.

वहीं डीजीपी ओपी सिंह ने मुलाक़ात के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा, 'मैं सबसे पहले सब की तरफ से सुबोध को श्रद्धांजलि देता हूं. इनके दो बेटे हैं एक सिविल सर्विस और दूसरा लॉ की पढ़ाई कर रहे हैं. हम पूरी तरह से उनके साथ हैं हम चाहते हैं कि वो पढ़ाई में अपना नाम रोशन करें. इस घटना के तुरंत बाद सीएम ने जांच के आदेश जारी कर दिए थे. इसके साथ ही राज्य सरकार की तरफ़ से मृतक सुबोध के परिवार को 50 लाख़ रुपये की सहायता राशि देने की पहले ही घोषणा की जा चुकी है. वहीं आज सीएम ने यह निर्णय लिया है कि इनरे परिवार पर जो भी कर्ज़ हैं उसका भुगतान सरकार की तरफ़ से की जाएगी. इसके अलावा मृतक सुबोध कुमार के एक बेटे को सरकारी नौकरी देने का भी भरोसा दिया गया है.'

वहीं प्रदेश के खाद्य एवं रसद मंत्री अतुल गर्ग ने मुलाक़ात के बाद कहा, 'सीएम की तरफ से कहा गया है कि बैंक कर्ज़ और घर पर कर्ज़ जो करीब 25 से 30 लाख रुपये है वो भी इनको दिए जाएंगे, इसके साथ शहीद सुबोध सिंह के नाम एक सड़क और कॉलेज का नाम रखा जाएगा.'

बता दें कि उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में कथित गोकशी के शक में हुई हिंसा और बवाल में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह समेत दो लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में पुलिस ने अबतक चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि अन्य चार से पांच लोगों को हिरासत में लिया गया है.

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बता दें कि इस भीड़ हिंसा के मुख्य साजिशकर्ता बजरंद दल के योगेश राज की गिरफ्तारी नहीं हुई है, हालांकि पुलिस ने चार अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है जिसपर गाय की हत्या का आरोप है. पुलिस ने बताया कि सरफुद्दीन, शाजिद, असिफ और नन्हे जिन्हें प्राथमिकी (एफआईआर) में गौकशी के सात आरोपियों में शामिल है जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है.

पुलिस ने दो नाबालिगों को भी पकड़ा था लेकिन ग्रामीणों ने पुलिस स्टेशन पर हमला बोल दिया जिसके बाद पुलिस को उन्हें रिहा करने पर मजबूर होना पड़ा.