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नीतीश न हों बेकरार, राहुल होंगे महागठबंधन के पीएम पद के उम्मीदवार: कांग्रेस

कांग्रेस किसी भी स्थिति में लोकसभा चुनाव और प्रधानमंत्री पद पर मिलने वाली चुनौती स्वीकार नहीं कर सकती है।

Updated on: 30 Nov 2016, 09:16 AM

highlights

  • कांग्रेसी खेमे में इस बात को लेकर काफ़ी नाराज़गी है कि नीतीश के सुर विपक्षी पार्टियों के उलट क्यों हैं?
  • कांग्रेस किसी भी स्थिति में लोकसभा चुनाव और प्रधानमंत्री पद पर मिलने वाली चुनौती स्वीकार नहीं कर सकती है
  • RJD प्रमुख लालू यादव ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को फोन कर नीतीश की शिकायत की है

नई दिल्ली:

नोटबंदी को लेकर कांग्रेस समेत ज़्यादातर विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार का विरोध कर रही है। वहीं बिहार में महागठबंधन की अगुवाई कर रहे नीतीश कुमार केंद्र सरकार के फ़ैसले को सही ठहरा रही है।

कांग्रेसी खेमे में इस बात को लेकर काफ़ी नाराज़गी है कि नीतीश के सुर विपक्षी पार्टियों के उलट क्यों हैं? कांग्रेस ने साफ़ कर दिया है कि 2019 लोकसभा चुनाव के लिए राहुल गांधी ही महागठबंधन की अगुवाई करेंगे और प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे।

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कांग्रेस के मुताबिक एक ही गठबंधन से दो नेता (राहुल गांधी और नीतीश कुमार) प्रधानमंत्री पद के दावेदार बनकर बिहार की जनता का वोट नहीं मांग सकते हैं। पार्टी का कहना है कि कांग्रेस किसी भी स्थिति में लोकसभा चुनाव और प्रधानमंत्री पद पर मिलने वाली चुनौती स्वीकार नहीं कर सकती है।

जानकारी के मुताबिक RJD प्रमुख लालू यादव ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को फोन कर नीतीश की शिकायत की है। बताया जा रहा है कि उन्होंने नीतीश द्वारा लगातार BJP की ओर नरम रवैया दिखाए जाने को लेकर सोनिया को सावधान किया।

ज़ाहिर है 2013 में नीतीश को जैसे ही एहसास हुआ था कि बीजेपी की तरफ़ से प्रधानमंत्री पद के लिए मोदी गठबंधन की अगुवाई करेंगे, उन्होंने गठबंधन तोड़ दिया था।

ऐसे में कांग्रेस को लग रहा है कि नीतीश एक बार फिर राज्य से आगे बढ़कर केंद्र तक की राजनीति करना चाह रहे हैं। ऐसी स्थिति में नीतीश के सामने विकल्प होगा कि या तो वह 'क्षेत्रीय दलों या फिर तीसरे मोर्चे' का चेहरा बनकर सामने आएं या फिर ऐसी स्थिति के लिए तैयार हों, जहां चुनाव के बाद BJP को प्रधानमंत्री पद के लिए किसी बाहरी को समर्थन देना पड़े।

कांग्रेस भविष्य में होने वाली किसी भी असहज परिस्थिति से बचने के लिए फूंक-फूंक कर कदम रखना चाहती है। यही वजह है कि कांग्रेस ने पहले ही अपना रुख़ स्पष्ट कर दिया है।