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मनोहर पर्रिकर के निधन पर राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने जताया शोक, कहा-पर्रिकर गोवा के फेवरेट बेटे थे

गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का रविवार शाम यहां उनके निजी निवास पर निधन हो गया. वह पिछले एक साल से अधिक समय से कैंसर से जूझ रहे थे. वह 63 साल के थे.

Updated on: 18 Mar 2019, 12:20 PM

नई दिल्ली:

गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का रविवार शाम यहां उनके निजी निवास पर निधन हो गया. वह पिछले एक साल से अधिक समय से कैंसर से जूझ रहे थे. वह 63 साल के थे. पर्रिकर एडवांस्ड पैंक्रियाटिक कैंसर से ग्रस्त थे, जिसका पता पिछले साल फरवरी में चला था. उसके बाद उन्होंने गोवा, मुंबई, दिल्ली और न्यूयॉर्क के अस्पतालों में इलाज कराया.  गंभीर बीमारी के चलते पर्रिकर की सेहत में लगातार उतार-चढ़ाव बना रहा लेकिन उन्होंने पूरी लगन के अंतिम वक्त तक जनता की सेवा की. अंतिम वक्त में मनोहर पर्रिकर नाक में ड्रिप लगाकर ऑफिस जाते थे और कई कार्यक्रमों ऐसे ही दौरा करते थे.

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मनोहर पर्रिकर के निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट किया, 'गोवा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर पर्रिकर जी के निधन की खबर सुनकर मुझे गहरा दुख हुआ. उन्होंने एक साल से अधिक समय तक एक खतरनाक बीमारी से बहादुरी से लड़ाई लड़ी. सभी पार्टियों के प्रिय और सम्मानित वह गोवा के एक प्रिय सपूत थे. इस शोक की घड़ी में उनके परिवार के प्रति मेरी शोक संवेदना.'

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, 'श्री मनोहर पर्रिकर के शोक संतप्त परिवार के प्रति मेरी शोक संवेदना. मैं उनसे सिर्फ एक बार मिली थी, जब दो साल पहले वह अस्पताल में मेरी मां से मिलने आए थे. उनकी आत्मा को शांति मिले.'

मनोहर पर्रिकर के निधन पर शोक जताते हुए दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पर्रिकर भारतीय राजनीति में सादगी के प्रतीक थे.

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़े ने पर्रिकर के निधन पर शोक जताते हुए कहा, 'वे एक अच्छे इंसान थे. उनके निधन से राजनीति में बहुत बड़ा अंतर आ गया है, हमने एक अच्छा राजनीतिज्ञ खो दिया. उनके निधन से हमें अपार दुख हुआ है. मैं अपना दुख व्यक्त करता हूं और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.'

यूपी के पूर्व CM अखिलेश यादव ने मनोहर पर्रिकर के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजनीति में उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा.

बता दें कि गोवा का मुख्यमंत्री बनने वाले बीजेपी के पहले नेता पर्रिकर ने 2000-05 तक और फिर 2012-14 तक राज्य का नेतृत्व किया. इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में 2014 में रक्षामंत्री का पद संभाला.

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पर्रिकर देश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान से पढ़ाई की थी. उन्हें 2000 से चार बार मौका मिला, लेकिन वह एक बार भी पूरे कार्यकाल तक पद पर नहीं रह पाए.

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वह 2017 में वापस राज्य की राजनीति में लौट आए और उन्होंने गठबंधन सरकार का नेतृत्व संभाला और लंबी बीमारी के बावजूद वह पद पर बने रहे. इस बीच विपक्ष और नागरिक समाज ने उनकी आलोचना भी की और खराब स्वास्थ्य के आधार पर बार-बार उनके इस्तीफे की मांग भी की. 

पर्रिकर की पत्नी का पहले ही निधन हो गया था. उनके परिवार में उनके दो पुत्र उत्पल और अभिजीत, उनकी पत्नियां और एक पोता है.