logo-image

शिवसेना की ख्वाहिश, राष्ट्रपति भवन में हो हिंदुत्व का 'रबर स्टांप'

बीजेपी की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी शिवसेना ने कहा कि देश को आज ऐसे व्यक्ति की जरूरत है जो भविष्य में इसे हिंदू राष्ट्र का आकार दे सके।

Updated on: 09 Jun 2017, 08:23 PM

highlights

  • शिवसेना ने कहा कि देश को ऐसे व्यक्ति की जरूरत है जो भविष्य में इसे हिंदू राष्ट्र का आकार दे सके।
  • इसके साथ ही जो राम मंदिर और अनुच्छेद 370 जैसे विषयों का स्थायी हल निकाल सके।
  • राष्ट्रपति मुखर्जी की प्रशंसा करते हुए शिवसेना ने लिखा है कि इन्होंन पद की गरिमा को बनाये रखा है।

 

नई दिल्ली:

देश के अगले राष्ट्रपति के लिए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के नाम की लगातार वकालत करने वाली शिवसेना पार्टी ने शुक्रवार को कहा कि इस बार राष्ट्रपति भवन में हिंदुत्व का 'रबर स्टांप' होना चाहिए।

बीजेपी की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी शिवसेना ने कहा कि देश को आज ऐसे व्यक्ति की जरूरत है जो भविष्य में इसे हिंदू राष्ट्र का आकार दे सके। इसके साथ ही जो राम मंदिर और अनुच्छेद 370 जैसे विषयों का स्थायी हल निकाल सके।

शिवसेना के मुखपत्र सामना में एक संपादकीय में लिखा गया है, अभी तक धर्मनिरपेक्ष सरकारों के रबर स्टांप ही राष्ट्रपति भवन में रहे हैं। अब राम मंदिर, समान नागरिक संहिता और संविधान के अनुच्छेद 370 जैसे विषयों पर स्थायी समाधान निकालने के लिए राष्ट्रपति पद पर हिंदुत्व के किसी 'रबर स्टांप' का बैठना ज़रुरी है।

और पढ़ें: कैसे चुना जाता है भारत का राष्ट्रपति, जाने पूरी प्रक्रिया?

शिवसेना ने लगातार इस बात को दोहराया है कि देश के सर्वोच्च पद के लिए उसकी पसंद संघ प्रमुख भागवत हैं। वहीं 66 साल के भागवत पहले ही कह चुके हैं कि उन्हें राष्ट्रपति पद में कोई रुचि नहीं है।

17 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव होंगे। भाजपा को उम्मीद है कि अगर आवश्यकता हुई तो सहयोगी शिवसेना से 18 सांसदों और 63 विधायकों का समर्थन उसे ही मिलेगा। हालांकि बीजेपी की सबसे पुरानी सहयोगी शिवसेना पिछले दो राष्ट्रपति चुनावों में बीजेपी से अलग रास्ता अपनाती रही है।

ये भी पढ़ें- राष्ट्रपति चुनाव 2017: 1969 में जब इंदिरा ने किया था कांग्रेस के उम्मीदवार का विरोध

संपादकीय में लिखा है कि गणना के अनुसार, राष्ट्रपति पद के लिए राजग के 23 घटक दलों के 48 प्रतिशत वोट हैं, जबकि यूपीए के 17 घटक दलों के 26 प्रतिशत वोट हैं।

पिछले राष्ट्रपति चुनाव (2012) में शिवसेना ने यूपीए के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया था। जबकि बीजेपी ने पीए संगमा का समर्थन किया था।

वहीं साल 2007 के राष्ट्रपति चुनाव में भी शिवसेना ने एनडीए के उम्मीदवार भैंरो सिंह शेखावत के बजाय यूपीए की प्रतिभा पाटिल को वोट दिया था।

और पढ़ें:  चुनाव आयोग ने की घोषणा, 17 जुलाई को चुने जाएंगे 14वें राष्ट्रपति

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की प्रशंसा करते हुए शिवसेना ने लिखा है कि उनके और डॉ एपीजे अब्दुल कलाम जैसे लोगों ने पद की गरिमा को बनाये रखा है।

संपादकीय के मुताबिक, प्रणब मुखर्जी कांग्रेसी विचारधारा से हैं लेकिन वह सक्षम और मजबूत राष्ट्रपति रहे हैं। विभिन्न क्षेत्रों में उनका व्यापक अनुभव देश के लिए लाभकारी सिद्ध हुआ है।

और पढ़ें: ये हैं देश के अबतक के 13 राष्ट्रपति