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'पद्मावत' के विरोधियों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की परोक्ष नसीहत, कहा-असहमित में भी रखें गरिमा का ख्याल

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 'पद्मावत' का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों और संगठनों को परोक्ष रूप से नसीहत दी।

Updated on: 25 Jan 2018, 09:37 PM

highlights

  • राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 'पद्मावत' का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों और संगठनों को परोक्ष रूप से नसीहत दी
  • राष्ट्रपति ने कहा कि असहमति में किसी साथी नागरिक की गरिमा व निजता का मजाक नहीं बनाया जाना चाहिए

नई दिल्ली:

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 'पद्मावत' का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों और संगठनों को परोक्ष रूप से नसीहत दी।

विवादित हिंदी फिल्म 'पद्मावत' के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को लेकर परोक्ष रूप से संदेश देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि असहमति में किसी साथी नागरिक की गरिमा व निजता का मजाक नहीं बनाया जाना चाहिए।

कुछ राज्यों में राजपूत संगठनों द्वारा फिल्म 'पद्मावत' के खिलाफ की जा रही हिंसा की पृष्ठभूमि में राष्ट्रपति ने यह बात गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम अपने पहले संबोधन में कही। बतौर राष्ट्रपति कोविंद का गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर यह पहला संबोधन था।

गौरतलब है कि राजपूत करणी सेना और अन्य संगठन इस फिल्म का विरोध कर रहे हैं।

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राष्ट्रपति ने कहा, 'मुहल्ले, गांव और शहर के स्तर पर सजग रहने वाले नागरिकों से ही एक सजग राष्ट्र का निर्माण होता है। हम अपने पड़ोसी के निजी मामलों और अधिकारों का सम्मान करते हैं। त्योहार मनाते हुए, विरोध प्रदर्शन करते हुए या किसी और अवसर पर, हम अपने पड़ोसी की सुविधा का ध्यान रखें।'

उन्होंने कहा, 'किसी दूसरे नागरिक की गरिमा और निजी भावना का उपहास किए बिना, किसी के नजरिये से या इतिहास की किसी घटना के बारे में हम असहमत हो सकते हैं। ऐसे उदारतापूर्ण व्यवहार को ही भाईचारा कहते हैं।'

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