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पीएनबी फर्जीवाड़ा मामले में आईसीएआई और सेबी ने शुरु की जांच

सेबी ने पीएनबी में 11,400 करोड़ रुपये के घोटाले के सिलसिले में बैंक और गीतांजलि जेम्स के शेयरों की खरीद-फरोख्त और शेयरों की कीमत की दृष्टि से संवेदनशील सूचनाओं की सार्वजनिक घोषणा के नजरिए से जांच शुरू कर दी है।

Updated on: 17 Feb 2018, 08:25 PM

नई दिल्ली:

आईसीएआई (भारतीय सनदी लेखा संस्थान) 11,500 करोड़ रुपये के पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले में ऑडिटरों की भूमिका की जांच करेगा।

बता दें कि आईसीएआई चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के लिए शीर्ष संस्थान माना जाता है।

इस जांच में यह मालूम करन की कोशिश की जाएगी कि क्या इस मामले में ऑडिटरों की ओर से भी कुछ खामियां थी।

आईसीएआई ने इस बारे में जांच एजेंसियों तथा सेबी (भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड) से भी सूचना मांगी है। आईसीएआई के अध्यक्ष नवीन एनडी गुप्ता ने कहा कि संस्थान ने पीएनबी में घोटाले का स्वत: संज्ञान लिया है।

उन्होंने कहा, एफआरआरबी (वित्तीय रिपोर्टिंग समीक्षा बोर्ड) को पीएनबी और गीतांजलि जेम्स मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए समीक्षा करने को कहा गया है। इस बोर्ड का गठन संस्थान ने किया है, जो विभिन्न लेखा और ऑडिटिंग मानदंडों के आधार पर अनुपालन की समीक्षा करता है। आईसीएआई ने पीएनबी, सेबी, प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई को पत्र लिखकर इस मामले में जानकारी मांगी है।

गुप्ता ने पिछले सप्ताह ही आईसीएआई के अध्यक्ष का कार्यभार संभाला है। एक अधिकारी ने कहा कि संस्थान ऑडिटरों की भूमिका की जांच कर पता लगाएगा कि क्या उनकी ओर से कोई उल्लंघन हुआ है।

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सेबी ने गीतांजलि जेम्स के संबंध में शुरू की जांच

सेबी ने पीएनबी में 11,400 करोड़ रुपये के घोटाले के सिलसिले में बैंक और गीतांजलि जेम्स के शेयरों की खरीद-फरोख्त और शेयरों की कीमत की दृष्टि से संवेदनशील सूचनाओं की सार्वजनिक घोषणा के नजरिए से जांच शुरू कर दी है।

इस घोटाले के सूत्रधार नीरव मोदी अभी फरार हैं। गीतांजलि जेम्स के शेयर में शुक्रवार को भी 20 प्रतिशत की गिरावट आई। सेबी के एक अधिकारी ने कहा कि नियामक बाजार में व्यवहार और ईमानदारी को सबसे अधिक महत्त्व देता है। प्रतिभूति कानून का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति को अंजाम भुगतना होगा।

उल्लेखनीय है कि जुलाई, 2013 में नैशनल स्टॉक एक्सचेंज ने सेबी के साथ विचार के बाद गीतांजलि जेम्स के प्रमुख और मुख्य प्रवर्तक मेहुल चौकसी और अन्य पर प्रतिभूति बाजार के कानूनों के उल्लंघन के मामले में खरीद-फरोख्त करने की रोक लगाई थी।

सेबी और शेयर बाजारों ने मोदी (चौकसी सहित) से संबंधित सभी इकाइयों के शेयर बाजार में खरीद-फरोख्त के ब्योरे का विश्लेषण शुरू कर दिया है। नियामक और एक्सचेंज चौकसी और उनकी सूचीबद्ध इकाई गीतांजलि जेम्स के खुलासा नियमों के उल्लंघन की भी जांच कर रहे हैं।

कंपनी ने पिछले सप्ताह बिना उचित वजह के अपने निदेशक मंडल की बैठक को टाल दिया था। चौकसी का फोन बंद था और उनसे संपर्क नहीं हो पाया।

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