logo-image

पीएम नरेंद्र मोदी ने याद किया भारत छोड़ो आंदोलन कहा हिल गई थी अंग्रेजी हुकूमत

आज का दिन हर वर्ष 'अगस्त क्रांति दिवस' के रूप में मनाया जाता है। इस आंदोलन का प्रमुख नारा 'भारत छोड़ो' युसुफ मेहर अली ने दिया था।

Updated on: 09 Aug 2018, 12:45 PM

नई दिल्ली:

भारत छोड़ो आंदोलन की आज 76वीं वर्षगांठ है। 1942 में आज ही के दिन अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर करने के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने सभी देशवासियों को 'करो या मरो' का नारा दिया था। आज का दिन हर वर्ष 'अगस्त क्रांति दिवस' के रूप में मनाया जाता है। इस आंदोलन का प्रमुख नारा 'भारत छोड़ो' युसुफ मेहर अली ने दिया था।

'क्रिप्स मिशन' की असफलता के बाद गाँधी जी ने एक और बड़ा आन्दोलन प्रारम्भ करने का निश्चय ले लिया था। इस आन्दोलन को 'भारत छोड़ो आन्दोलन' का नाम दिया गया। इस दिन कांग्रेस के एक ऐतिहासिक सम्मेलन में महात्मा गाँधी ने लगभग 70 मिनट तक भाषण दिया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि "मैं आपको एक मंत्र देता हूँ, करो या मरो, जिसका अर्थ था- भारत की जनता देश की आज़ादी के लिए हर तरह से प्रयास करें।

और पढ़ें- NDA के हरिवंश नारायण सिंह बने राज्य सभा के उपसभापति, कांग्रेस के बीके प्रसाद को हराया

भारत छोड़ो की घोषणा के बाद पूरे देश में अंग्रेजो भारत छोड़ो का नारा गूंजने लगा था। 1947 में भारत को मिली आजादी में इस आंदोलन की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

आज ट्विटर पर नेता और लोग भारत छोड़ो आंदोलन को याद करते हुए अपने विचार रख रहे हैं। #QuitIndiaMovement ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है।

पीएम मोदी ने भी 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लेने वाले महिलाओं और पुरूषों को याद करते हुए ट्वीट किया।

इस मौके पर उन्होंने कुछ दस्तवेज भी ट्वीट करते हुए लोगों से साक्षा किए। नेशनल आर्काइव से प्राप्त दस्तावेजों को शेयर करते हुए पीएम मोदी ट्वीट किया कि, 'आंदोलन के जरिए महात्मा गांधी साम्राज्यवादी शासन की नींव हिला सके और इससे भारत की आजादी की लड़ाई को और बल मिला था।'

इसके साथ ही आंदोलन में भागीदार महिलाओं और पुरूषों की याद में एक वीडियो भी साझा किया।

वहीं इस मौके पर कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी ट्वीट करते हुए भारत छोड़ो आंदोलन के महत्वपूर्ण तथ्यों को साक्षा किया। साथ ही उन्होंने कहा कि, 'इस आंदोलन और गांधी जी के 'करो या मरो' के नारे ने आजादी की लड़ाई में लोगों को नया उत्साह दिया था।'

साथ ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी आजादी के लिए बलिदान देने वाले भारत मां के अमर सपूतों को नमन किया है। ट्विटर पर कोविंद ने कहा कि वह शाम में राष्ट्रपति भवन में आयोजित रिसेप्शन में स्वतंत्रता सेनानियों की मेजबानी करने के लिए उत्साहित हैं।

यहां पर आप भारत छोड़ो आंदोलन से जुड़े ट्वीट देख सकते हैं।