logo-image

शीतकालीन सत्र: मनमोहन पर PM के बयान से भड़की कांग्रेस ने कहा-सबूत दें या देश से माफी मांगे मोदी

संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन ऊपरी सदन राज्यसभा में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ पीएम मोदी के विवादास्पद बयान को लेकर विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया।

Updated on: 15 Dec 2017, 02:34 PM

highlights

  • पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर पीएम मोदी के बयान को लेकर कांग्रेस ने की माफी की मांग
  • कांग्रेस ने कहा अगर पीएम मोदी माफी नहीं मांगते तो सदन में कोई काम-काज नहीं दिया जाएगा

नई दिल्ली:

संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन ऊपरी सदन राज्यसभा में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ पीएम मोदी के विवादास्पद बयान को लेकर विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया।

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर दिए गए बयान को लेकर माफी की मांग की। विपक्ष के हंगामे की वजह से पहले सदन को करीब 20 मिनट के लिए स्थगित किया गया।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद गुलाम नबी आजाद ने पीएम मोदी के मनमोहन सिंह पर दिए गए बयान को मुद्दा बनाते हुए कहा कि इस मामले में पीएम को सदन में आकर सफाई देनी चाहिए। 

आजाद ने कहा, 'यह साधारण आरोप नहीं है।' उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री को राज्यसभा में आकर प्रमाण देना चाहिए वरना उन्हें न केवल संसद से बल्कि पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए।'

उन्होंने कहा, 'हमने आज कार्यवाही रोके जाने का नोटिस दिया है और यह बड़ा मुद्दा है जो राष्ट्रीय नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय है। मामला प्रधानमंत्री की तरफ से पूर्व प्रधानमंत्री, पूर्व उप-राष्ट्रपति, पूर्व आर्मी चीफ और अन्य नेताओं पर पाकिस्तान के साथ मिलकर साजिख करने के आरोप से जुड़ा है।'

गौरतलब है कि मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री सिंह और कांग्रेस के अन्य नेताओं पर पाकिस्तान की मदद से गुजरात चुनाव के खिलाफ साजिश करने का आरोप लगाया था।

वहीं मोदी सरकार में मंत्री गिरिराज सिंह ने कांग्रेस के माफी की अपील को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस को यह नाटक बंद कर देनी चाहिए।'

और पढ़ें: तीन तलाक पर मोदी कैबिनेट की बैठक आज, संसद में पेश होंगे ये बिल

जनता दल यूनाइटेड (जेडी-यू) के पूर्व प्रमुख और सांसद शरद यादव और अनवर अली की सदस्यता खारिज किए जाने को लेकर भी विपक्षी दलों ने राज्सभा की कार्यवाही को बाधित किया।

दोनों सांसदों की सदस्यता खारिज किए जाने को लेकर विपक्षी दलों के सांसद ने 'तानाशाही नहीं चलेगी' के नारे लगाए, जिसके बाद इसे दोपहर बाद 2.3 0 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

सदस्यों के बर्ताव को लेकर राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि सभी सदस्य वेल में है, जो ठीक नहीं है।

उन्होंने कहा, 'ऑल इन वेल, नॉट वेल।' सपा सांसद नरेश अग्रवाल ने जेडी-यू के दोनों सांसदों की सदस्या खारिज किए जाने के मुद्दे को उठाया। लेकिन सभापति ने उन्हें इसकी मंजूरी नहीं दी।
नायडू ने कहा, 'इस मसले को इसलिए नहीं उठाया जा सकता क्योंकि यह आसन का फैसला है।'

सपा सांसद के इस मुद्दे पर कांग्रेस ने भी सर्मथन दिया। आजाद ने क हा कि विपक्ष आसन के फैसले को चुनौती नहीं दे रहा है लेकिन वह इस पर कुछ और कहना चाहता है। लेकिन नायडू ने इसकी मंजूरी नहीं दी।

महागठबंधन का जिक्र करते हुए आजाद ने कहा बिहार की जनता ने महागठबंधन के पक्ष में जनादेश दिया था, जिसमें जेडी-यू, राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस शामिल थे। उन्होंने कहा कि महागठबंधन को छोड़ने का फैसला नीतीश कुमार का था और इसके बदले में संसद से जेडी-यू के सदस्यों को इस्तीफा देना चाहिए।

और पढ़ें: मोदी के सिपहसालार और BJP प्रेसिडेंट शाह की संसदीय पारी का आगाज