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#MeToo Campaign: आरोपियों पर कार्रवाई के मूड में सरकार, जांच कमिटी का किया गठन

इस समिति में वरिष्ठ जज और कानूनी विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा. इस समिति का मुख्य काम उन आरोपों की जांच करना होगा जिनका खुलासा इस अभियान के तहत किया जा रहा है.

Updated on: 12 Oct 2018, 04:52 PM

नई दिल्ली:

दुनिया भर में महिलाओं पर हो रहे यौन शोषण के खिलाफ चल रहे #MeToo मूवमेंट को लेकर भारत में भी हल्ला बोल शुरू हो चुका है. सोशल मीडिया पर देश में कई महिलाओं ने इस अभियान के तहत अपनी आपबीति को साझा किया. मामले की गंभीरता को समझते हुए महिला एवं बाल विकास कल्याण मंत्रालय ने एक समिति गठित करने का ऐलान किया है जो कि #MeToo अभियान में सामने आए केसों की जांच करेगी.

इस समिति में वरिष्ठ जज और कानूनी विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा. इस समिति का मुख्य काम उन आरोपों की जांच करना होगा जिनका खुलासा इस अभियान के तहत किया जा रहा है.

महिला एवं बाल विकास कल्याण मंत्रालय ने शुक्रवार को इस बात की जानकारी दी.

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महिला एवं बाल विकास कल्याण मंत्री मेनका गांधी ने कमिटी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस समिति में पूर्व जजों की एक टीम शामिल होगी जो कुछ केसों की स्वतंत्र रूप से जांच करेगी और कानूनी विशेषज्ञ मंत्रालय और पीड़ित को सलाह देगी कि उसे आगे क्या करना चाहिए.

गौरतलब है कि Me Too: मीटू कैंपेन के तहत कला, बॉलीवुड और मीडिया जगत के बहुत से संपन्न और पढ़ें लिखे लोगों के नाम सामने आ रहे हैं. अभी तक इस सूची में गायक अभिजीत भट्टाचार्य, गीतकार और कॉमेडियन वरुण ग्रोवर, अभिनेता रजत कपूर, तमिल सॉन्ग राइटर वैरमुत्थु, मलयालम अभिनेता मुकेश माधवन, गणेश आचार्य, राकेश सारंग पर भी यौन उत्पीड़न या छेड़छाड़ के आरोप लगे. इनमें से कई लोगों ने बयान जारी कर इन आरोपों का खंडन भी किया और सफाई दी.

वहीं मीडिया में हिंदुस्तान टाइम्स के पूर्व कर्मचारी प्रशांत झा, टाइम्स ऑफ इंडिया, हैदराबाद से रेसीडेंट एडिटर के आर श्रीनिवासन, टाइम्स ऑफ इंडिया के पूर्व कार्यकारी संपादक और डीएनए में काम कर चुके गौतम अधिकारी पर भी आरोप लग चुकें हैं. 

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अपने समय के मशहूर संपादक और वर्तमान में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एम.जे.अकबर पर दो महिला पत्रकारों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं.