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केरल लैंड रेवेन्यू ऑफिस के बाहर किसान ने की आत्महत्या, अधिकारी निलंबित

केरल के कोझिकोड में कथित तौर पर राजस्व अधिकारियों के भूमि कर (रेवेन्यू टैक्स) लेने से मना करने पर एक 57 वर्षीय किसान ने राजस्व ऑफिस में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

Updated on: 22 Jun 2017, 07:27 PM

नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश ही नहीं देश के दूसरे हिस्सों में भी किसानों की स्थिति खराब है। केरल के कोझिकोड में कथित तौर पर राजस्व अधिकारियों के भूमि कर (रेवेन्यू टैक्स) लेने से मना करने पर एक 57 वर्षीय किसान ने राजस्व ऑफिस में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना के बाद राज्य सरकार ने अधिकारी को निलंबित कर दिया है।

इस घटना के सामने आते ही सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं। बताया जा रहा है कि राजस्व अधिकारी पिछले दो साल से उसका भूमि कर लेने से मना कर रहे थे। इसके लिये वो दो साल से राजस्व अधिकारियों से जूझ रहा था।

किसान के.पी.जॉय ने चेम्बानोदू गांव के राजस्व कार्यालय में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। इससे पहले उसने कथित तौर पर राजस्व अधिकारियों को अपने भूमि कर का भुगतान करने की कई बार कोशिश की थी, जिससे उन्होंने इनकार कर दिया था।

जॉय को बुधवार देर रात सरकारी कार्यालय में फंदे से लटकता पाया गया, जहां वह और उनका परिवार पिछले दो सालों से राजस्व अधिकारियों से जूझ रहा था।

घटना के व्यापक विरोध के बाद गुरुवार को ग्रामीण राजस्व सहायक अधिकारी सिरीश को कर्तव्य की उपेक्षा के आरोप में निलंबित कर दिया गया।

राज्य के राजस्व मंत्री ई. चंद्रशेखरन ने गुरुवार को कहा कि घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'जिलाधिकारी से मामले की जांच को कहा गया है। हम सुनिश्चित करेंगे कि ग्रामीण कार्यालय में दोषी अधिकारियों के खिलाफ सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं।'

विभिन्न स्थानों पर राजस्व अधिकारियों द्वारा तकनीकी मुद्दों का हवाला देकर किसानों के भूमि कर को अस्वीकार करने की शिकायतें आ रही हैं।

राज्य के विद्युत मंत्री एम.एम. मणि गुरुवार को जॉय के घर पहुंचे। मणि ने कहा कि उन्होंने जिलाधिकारी से बात की है। उन्होंने आश्वस्त किया कि जॉय के परिवार को न्याय मिलेगा।

मणि ने कहा, 'राज्य मंत्रिमंडल इस मामले में आवश्यक कदम उठाएगा।'

स्थानीय निवासियों के अनुसार, इससे पहले भी राजस्व अधिकारियों द्वारा भूमि कर न लेने पर जॉय और उसके परिवार ने कार्यालय के सामने एक दिन का विरोध प्रदर्शन किया था, उस विरोध के बाद अधिकारियों ने भूमि कर स्वीकार कर लिया था।

उन्होंने बताया कि इस साल दोबारा अधिकारियों द्वारा गलत रवैया अपनाया गया, जिससे तंग आकर उसने मजबूरी में अधिकारियों को एक पत्र लिखा कि अगर उसका कर स्वीकार नहीं किया जाता है तो उसके पास आत्महत्या करने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है।

ग्राम परिषद के प्रमुख शिजी ने कहा, 'हमने राज्य सरकार से मृतक के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का अनुरोध किया है।'

शिजी ने यह भी कहा कि ऐसा माना जा रहा है कि जॉय ने दस लाख का कर्ज ले रखा था।

घटना से आक्रोषित ग्रामीणों को समझाने के लिए पहुंचे कोझिकोड जिला कलेक्टर यू. वी जोस ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया।

जोस ने कहा कि वह इसकी कोशिश करेंगे कि जॉय का भूमि कर गुरुवार तक स्वीकार कर लिया जाए और साथ ही ऋण माफ कराने और उनके परिवार के किसी सदस्य को राज्य सरकार की नौकरी दिलाने के लिए सिफारिश करेंगे।

जॉय के घर में पत्नी के अलावा तीन बेटियां हैं। इनमें से दो की शादी हो चुकी है और एक बेटी छात्रा है।