logo-image

शांति के लिए पाकिस्तान को बनना होगा 'सेक्युलर': सेनाध्यक्ष बिपिन रावत

जहां पाकिस्तान लगातार दावा कर रहा है कि वह भारत के साथ शांति के लिए प्रयासरत है वहीं सेना अध्यक्ष ने कहा कि अगर पाकिस्तान शांति वार्ता के लिए वाकई कदम उठाना चाहता है तो पहले उसे खुद को सेक्युलर देश बनाना होगा.

Updated on: 30 Nov 2018, 11:14 AM

नई दिल्ली:

पाकिस्तान की ओर से बुधवार को पवित्र धार्मिक स्थल करतारपुर कॅारिडोर की नींव रखने और पाक पीएम इमरान खान को खुद को शांति का दूत बताने के बाद आज (शुक्रवार) भारतीय थल सेना अध्यक्ष बिपिन रावत ने पत्रकारों से बात की. जहां पाकिस्तान लगातार दावा कर रहा है कि वह भारत के साथ शांति के लिए प्रयासरत है वहीं सेना अध्यक्ष ने कहा कि अगर पाकिस्तान शांति वार्ता के लिए वाकई कदम उठाना चाहता है तो पहले उसे खुद को सेक्युलर देश बनाना होगा.

जनरल बिपिन रावत ने कहा,' पाकिस्तान ने खुद को एक इस्लामिक देश की तरह विकसित किया है. अगर वह भारत के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना चाहते हैं तो पहले उन्हें एक धर्म निरपेक्ष देश बनना होगा. हम एक धर्म निरपेक्ष देश है, अगर वह हमारी तरह सेक्युलर बनने की राह पर चलते हैं तो शांति का एक विकल्प दिखाई देता है.'

और पढ़ें: करतारपुर कॅारिडोर : क्‍या पाक की नापाक हरकत का शिकार हुए नवजोत सिंह सिद्धू? 

पत्रकारों से बात करते हुए सेनाध्यक्ष ने कहा,' वो (पाकिस्तान) कह रहे हैं कि अगर आप एक कदम शांति की ओर बढ़ाते हैं तो हम 2 कदम बढ़ाएंगे. यह उनकी कथनी और करनी के बिल्कुल उलट है. पहला कदम उनकी तरफ से सकारात्मक शुरुआत का होना चाहिए, उसके बाद हम दूसरा कदम तभी उठाएंगे जब हम देखेंगे की वह कदम जमीनी स्तर पर कितना प्रभावी है. तब तक हमारे देश की नीति साफ है कि आतंक और बातचीत साथ-साथ नहीं हो सकती.'

इस दौरान सेनाध्यक्ष ने भारतीय सेना में महिलाओं की भागीदारी को लेकर बड़ा ऐलान किया है.

और पढ़ें: पाक पीएम इमरान खान ने दिया सुझाव, POK में खुले मंदिर का रास्ता, महबूबा मुफ्ती बोली- होना चाहिए विचार

रावत ने कहा कि हम भारतीय सेना में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने पर विचार कर रहे हैं. हमने अब तक प्रथम श्रेणी युद्ध में महिलाओं को शामिल नहीं किया है. हमें लगता है कि हम अभी तक तैयार नहीं हैं। पश्चिमी देश इसको लेकर अधिक खुले हैं। हमारे यहां बड़े शहरों में लड़के और लड़कियां  एक साथ काम कर रहे हैं लेकिन सेना में आने वाले सारे लोग केवल बड़े शहरों से ही नहीं आते है.