logo-image

कर्नाटक : कांग्रेस-जेडीएस में सबकुछ ठीक नहीं, अब देवगौड़ा ने चेताया- हालात नियंत्रण से होंगे बाहर, चुुप नहीं बैठूंगा

पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर कांग्रेस आलाकमान ने स्थिति को नहीं संभाला तो हालात नियंत्रण से बाहर हो जाएंगे.

Updated on: 31 Jan 2019, 07:34 PM

बेंगलुरू:

कांग्रेस नेताओं के बयानों से परेशान कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के जख्मों पर मरहम लगाते हुए उनके पिता और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर कांग्रेस आलाकमान ने स्थिति को नहीं संभाला तो हालात नियंत्रण से बाहर हो जाएंगे. कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मौजूदगी में हाल ही में एक कार्यक्रम में कांग्रेस के कुछ नेताओं में कुमारस्वामी की आलोचना की थी जिससे नाराज कुमारस्वामी ने कुर्सी छोड़ने की धमकी दे दी थी.

जनता दल (सेक्युलर) (जेडीएस) के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पार्टी सुप्रीमो देवगौड़ा ने कहा है कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन की सरकार बनने से लेकर अब तक वे चुप हैं लेकिन अगर कांग्रेस आलाकमान ने स्थिति को नहीं संभाला तो हालात नियंत्रण से बाहर हो जाएंगे.

देवगौड़ा ने कहा, 'मैं पीड़ा में हूं, आज (बुधवार) कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बने हुए 6 महीने पूरे हो गए. 6 महीने में सभी तरह की चीजें हो गई, अब तक मैंने अपना मुंह नहीं खोला था लेकिन अब मैं चुप नहीं रह सकता हूं.'

उन्होंने कहा, 'क्या गठबंधन सरकार चलाने का तरीका है, जहां हर दिन अपने गठबंधन सहयोगी को असंसदीय भाषा का इस्तेमाल न करने के लिए अनुरोध किया जाय.'

उन्होंने कहा, 'कांग्रेस के साथ मित्रता को मैं खराब नहीं करना चाहता, लेकिन एक शर्त है. अगर ओछी बातें करने वालों को रोका नहीं गया तो हालात आउट ऑफ कंट्रोल हो जाएंगे, कांग्रेस आलाकमान इस बात को अच्छी तरह से समझ लें.'

इस कार्यक्रम में देवगौडा ने यहां तक कह दिया कि सिद्धारमैया को लगता है कि उन्होंने उस वक्त उन्हें सीएम नहीं बनने दिया, जब वे JDS में थे और शायद अब तक वो इस बात को लेकर नाराज हैं.

और पढ़ें : प्रयागराज: VHP की धर्म संसद में पहुंचे RSS प्रमुख मोहन भागवत, सबरीमाला पर बताया श्रीलंकाई कनेक्शन

इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने एक बार फिर कहा कि वो कुर्सी के लिए किसी की भी बात सुनने को तैयार नहीं हैं. वो उस परिवार से हैं जहां उनके पिता ने प्रधानमंत्री की कुर्सी तक छोड़ दी. मुख्यमंत्री की कुर्सी उनके लिए कोई मायने नहीं रखती.

उन्होंने कहा, 'मैं पार्टी के कार्यकर्ताओं और राज्य की साढ़े 6 करोड़ जनता से कहना चाहता हूं कि कुर्सी के लिए मैं आपको धोखे में रखने वाले लोगों में से नहीं हूं. मैंने कहा था कि मैं कुर्सी छोड़ दूंगा क्योंकि मैं पद के लिए किसी की भी बात सुनने वालों में से नहीं हूं.'

और पढ़ें : छत्‍तीसगढ़ में टूट सकता है अजीत जोगी की जनता कांग्रेस और बसपा के बीच गठबंधन

पिता और पुत्र की नाराजगी को दूर करने के लिए सिद्धारमैया को पार्टी आलाकमान ने दिल्ली तलब कर उन्हें समझाया भी है क्योंकि राहुल गांधी को पता है कि अगर लोकसभा चुनाव से गठबंधन में दरार आती है तो पार्टी को चुनाव में इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है.