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कर्नाटक राजनीतिक संकट : 2 निर्दलीय विधायकों का समर्थन वापस, सीएम ने स्थिर सरकार का किया दावा

दोनों निर्दलीय विधायक एच नागेश और आर शंकर के समर्थन वापस लेने के बाद राज्य में सरकार की अस्थिरता को लेकर लगाई जा रही अटकलबाजियां सच साबित होती दिख रही हैं.

Updated on: 16 Jan 2019, 12:22 AM

बेंगलुरू:

कर्नाटक में कांग्रेस-जेडी(एस) गठबंधन सरकार से दो निर्दलीय विधायकों द्वारा समर्थन वापस लिए जाने के बाद राज्य की राजनीति एक बार फिर गरमा गई. दोनों निर्दलीय विधायक एच नागेश और आर शंकर के समर्थन वापस लेने के बाद राज्य में सरकार की अस्थिरता को लेकर लगाई जा रही अटकलबाजियां सच साबित होती दिख रही हैं. कर्नाटक का नाटकीय घटनाक्रम अटकलों और अफवाहों के बीच मंगलवार को पूरे दिन चलता रहा. हवेरी जिले की राणेबेन्नुर विधानसभा सीट से विधायक शंकर क्षेत्रीय कर्नाटक प्रग्नवंता जनता पार्टी से संबद्ध हैं, वहीं नागेश कोलार जिले की मुलबागल विधानसभा सीट से विधायक हैं.

दोनों विधायकों ने अपना समर्थन गठबंधन साझेदारों जेडी(एस), कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त को लेकर जारी राजनीतिक घमासान के बीच लिया है. कांग्रेस आरोप लगा रही है कि बीजेपी उसके विधायकों को तोड़ रही है. वहीं राज्य के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी स्थिर सरकार होने का दावा कर रहे हैं.

कुमारस्वामी ने मंगलवार को कहा, 'अगर 2 विधायक अपना समर्थन वापस लेते हैं तो संख्या क्या होगी? मैं पूरी तरह से सुरक्षित हूं. मैं अपनी मजबूती को जानता हूं. पिछले सप्ताह से मीडिया में जो चल रहा है, मैं उसका आनंद ले रहा हूं.'

इस मुद्दे पर पूर्व प्रधानमंत्री और जेडी(एस) अध्यक्ष एच डी देवगौड़ा ने कहा कि कर्नाटक का 'राजनीतिक संकट' सिर्फ मीडिया का प्रचार है. उन्होंने कहा, 'दोनों विधायक (समर्थन वापस लेने वाले) किसी पार्टी से जुड़े हुए नहीं हैं. वे निर्दलीय हैं. इस पर इतना प्रचार करने की जरूरत नहीं है.'

उन्होंने कहा कि, 'जेडीएस के सभी विधायक यहां हैं. हम उन्हें कहीं भेजने जा रहे हैं. वे अपने गांवों में हैं. कांग्रेस के विधायक भी कहीं नहीं गए हैं. कुमारस्वामी ने दो निर्दलीय विधायकों से भी संपर्क किया, उन्होंने कहा कि वे बीजेपी में नहीं जा रहे हैं.'

वहीं कर्नाटक के मंत्री के जे जॉर्ज ने इस घटना को लेकर कहा कि बीजेपी आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर माहौल बना रही है. उन्होंने कहा, 'मैं कर्नाटक में किसी तरह का राजनीतिक संकट नहीं देखता हूं. कांग्रेस विधायकों को संरक्षण देने की जरूरत नहीं है, कांग्रेस काफी मजबूत है और वे अपना संरक्षण खुद कर लेंगे.'

सरकार से समर्थन वापस लेने वाले विधायक आर शंकर ने कहा, 'आज मकर संक्रांति है. इस दिन हम सरकार बदलना चाहते हैं. सरकार को दक्षतापूर्ण होना चाहिए, इसलिए मैं आज कर्नाटक सरकार से अपना समर्थन वापस लेना चाहिए.'

निर्दलीय विधायक एच नागेश ने कहा, 'गठबंधन सरकार को मेरा समर्थन अच्छी और स्थिर सरकार चलाने के लिए था जो कि असफल हुआ. गठबंधन सहयोगियों के बीच कोई समझदारी नहीं है. इसलिए मैंने स्थिर सरकार के गठन के लिए बीजेपी के साथ जाने का फैसला किया और देखेंगे कि सरकार गठबंधन से बढ़िया प्रदर्शन करेगी.'

तमाम अटकलों के बीच महाराष्ट्र सरकार में मंत्री राम शिंदे ने यहां तक दावा कर दिया कि 2-3 दिनों में कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बन जाएगी. उन्होंने कहा, 'उन्हें (समर्थन वापस लेने वाले दोनों विधायक) बीजेपी से जुड़ने के बारे में अवश्य सोचना चाहिए जिसे जनादेश मिला था न कि उन्हें जो अप्राकृतिक गठबंधन बनाया था. मुझे ऐसा लग रहा कि आने वाले दिनों में ऑपरेशन लोटस सफल होगा.'

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के सी वेणुगोपाल ने पार्टी की राज्य इकाई के नेताओं संग बैठक के बाद बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, 'कुमारस्वामी सरकार को कोई खतरा नहीं है, लेकिन बीजेपी, विधायकों को खरीदकर सरकार को अस्थिर करने का बुरी तरह प्रयास कर रही है।'

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि बीजेपी कांग्रेस के प्रत्येक विधायक को रुपयों से तोड़ने के लिए उनसे संपर्क कर रही है। दो विधायकों के समर्थन वापस लेने पर कांग्रेस नेता और उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वरा ने भी बीजेपी पर स्थिर सरकार को गिराने का प्रयास करने का आरोप लगाया.

परमेश्वरा ने कहा, 'बीजेपी धनबल से विधायकों को खरीदने का प्रयास कर रही है। उनका लक्ष्य सरकार गिराना है, लेकिन हमें अपनी सरकार बरकरार रहने का विश्वास है, क्योंकि हमें सभी विधायकों का समर्थन प्राप्त है। लेकिन सरकार को अस्थिर करने के उनके प्रयास असफल होंगे. हमारी सरकार स्थिर है.'

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वहीं कर्नाटक के मंत्री जमीर अहमद खान ने कहा, 'हमारे विधायक छुट्टियों के लिए मुंबई गए हैं, वे कल तक वापस आ जाएंगे. मीडिया के अनुसार, संख्या बढ़ रही है लेकिन हमारे अनुसार संख्या घट रही है. हमारे लिए यह 15-16 से 2 पर आ गया है. अक्लमंद को इशारा काफी है.'

बीजेपी की प्रदेश इकाई के प्रवक्ता वामनाचार्य ने खरीद-फरोख्त के आरोपों का खंडन किया, हालांकि उन्होंने अपने 104 विधायकों में से 99 विधायकों को राष्ट्रीय राजधानी से सटे गुरुग्राम स्थित एक निजी रिसोर्ट में ठहरा रखे हैं. उन्होंने कहा, '99 विधायक एक निजी रिसोर्ट में हैं, वहीं अन्य पांच विधायक दिल्ली में हैं और हमारे संपर्क में हैं।'

राजनीतिक बयानबाजी के बीच राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने ट्वीट कर पीएम मोदी पर निशाना साधा और कहा, ''मिस्टर साफ नीयत' नरेंद्र मोदी, क्या कर्नाटक के अपने बुरे बीजेपी के नेताओं को सरकार को अस्थिर करने की अनुमति देना लोकतंत्र के प्रति एक 'साफ' नीयत है?'

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कर्नाटक की 225 सदस्यीय विधानसभा में अध्यक्ष समेत कांग्रेस के 80 विधायक, जेडी(एस) के 37 और भाजपा के 104 विधायक हैं। इस पूरे सियासी घटनाक्रम के बीच कर्नाटक की राजनीतिक स्थिति पिछले विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद जैसी हो गई है. पिछले साल चुनाव के बाद सरकार बनाने को लेकर भी मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था.

विधानसभा चुनाव में बीजेपी 104 सीटों के साथ राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन पूर्ण बहुमत का आंकड़ा हासिल नहीं कर पाई थी. वहीं कांग्रेस को 78 सीटें और जेडीएस को मिली 37 सीटें मिली थी, जिसके बाद दोनों पार्टियों ने गठबंधन कर सरकार बनाने का फैसला किया था.

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