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कभी सात तो कभी सिर्फ ढाई दिनों में 'पूर्व मुख्यमंत्री' हो गए येदियुरप्पा, हर बार सफर रहा अधूरा

येदियुरप्पा तीन बार कर्नाटक के सीएम रह चुके है लेकिन हर बार उनका ये सफर अधूरा रहा।

Updated on: 19 May 2018, 05:21 PM

नई दिल्ली:

बहुमत साबित नहीं कर पाने के बाद एक बार फिर बी एस येदियुरप्पा को महज ढाई दिनों के बाद अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी।

ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब बिना कार्यकाल पूरा हुए उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा हो। इससे पहले भी उन्हें एक बार सिर्फ 7 दिन और दूसरी बार सिर्फ साढ़े 3 साल बाद अपना पद छोड़ना पड़ा था।

जब सिर्फ 7 दिनों के लिए सीएम बने थे येदियुरप्पा

येदियुरप्पा पहली बार जनता दल सेक्युलर की मदद से 12 नवंबर 2007 को राज्य के मुख्यमंत्री बने थे लेकिन ठीक सात दिन बाद 19 नवंबर 2007 को उन्हें सीएम पद छोड़ना पड़ा।

दरअसल जेडीएस और बीजेपी के बीच सीएम पद को लेकर बराबर-बराबर समय के लिए समझौता हुआ था लेकिन जब साल 2007 में येदियुरप्पा के सीएम बनने की बारी आई तो कुमार स्वामी समझौते से मुकर गए। इसके बाद वहां सरकार गिर गई और राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया।

भ्रष्टाचार के आरोप में गई कुर्सी, पहुंचे गए थे जेल

इसके बाद साल 2008 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी को शानदार जीत मिली जिसके बाद येदियुरप्पा एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री बने। लेकिन उन पर राज्य में भ्रष्टाचार के कई संगीन आरोप लगे जिसके बाद उन्हें सिर्फ 3 साल और कुछ महीनों के बाद ही अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी और जेल भी जाना पड़ा।

तीसरी बार ढाई दिनों के सीएम रहे येदियुरप्पा

अभी बीते 12 मई को हुए विधानसभा चुनाव में कर्नाटक में त्रिशंकु विधासभा नतीजे आए जिसके बाद बहुमत नहीं रहने के बावजूद येदियुरप्पा ने सरकार बनाने का दावा पेश किया। आज सदन में बहुमत साबित नहीं कर पाने के बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा।

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गौरतलब है कि 15 मई को आए चुनाव परिणाम में कर्नाटक में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था। बीजेपी को सत्ता में आने से रोकने के लिए कांग्रेस ने जेडीएस को बिना शर्त समर्थन दे दिया था।

लेकिन येदियुरप्पा ने राज्यपाल वाजुभाई से मिलकर सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया जिसे राज्यपाल ने भी मान लिया।

राज्यपाल ने येदियुरप्पा को सीएम बनने का आमंत्रण देने के साथ ही 15 दिनों के भीतर बहुमत साबित करने का आदेश दिया था।

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