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भूख से हुई मौत के बाद झारखंड सरकार ने खत्म की राशन के लिए आधार की अनिवार्यता

राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहा अगर किसी के पास आधार कार्ड नहीं है, तो भी उसे राशन लेने से नहीं रोका जा सकता है। किसी भी सरकारी पहचान पत्र के जरिये गरीबों को राशन दिया जाएगा।

Updated on: 21 Oct 2017, 02:43 PM

नई दिल्ली:

झारखंड सरकार ने शनिवार को कहा कि सार्वजनिक खाद्यान्न वितरण प्रणाली (पीडीएस) में राशन लेने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं था। राज्य के खाद्य मंत्री सरयू रॉय का यह बयान उस घटना पर आया जिसमें एक 11 वर्षीय लड़की की भूख के कारण मृत्यु हो गई थी।

स्थानीय कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि सिमडेगा में 11 साल की बच्ची की मौत इसलिये हुई था क्यूंकि उसके परिवार का राशन कार्ड आधार से लिंक नहीं था। इसी कारण परिवार का राशन कार्ड रद्द कर दिया गया था और उसे राशन नहीं दिया गया।

राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहा अगर किसी के पास आधार कार्ड नहीं है, तो भी उसे राशन लेने से नहीं रोका जा सकता है। किसी भी सरकारी पहचान पत्र के जरिये गरीबों को राशन दिया जाएगा।

राय ने कहा कि किसी भी हालत में अपना कार्ड डीलर को नहीं दें और न ही कम राशन स्वीकार करें। राशन वितरण को लेकर कोई भी शिकायत हो, तो टोल फ्री नंबर 18002125512 पर सूचना दें।

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इसके साथ ही राज्य सरकार ने हर ब्लॉक में अनाज बैंक बनाने की घोषणा की है। इस दौरान खाद्य मंत्री सरयू रॉय ने दोषी डीलरों और अधिकारियों पर कारवाई के निर्देश दिये हैं।

मंत्री सरयू राय ने रद्द किए गए सभी राशन कार्डों की समीक्षा करने का आदेश दिया है। रद्द किए गए राशन कार्डों की जांच कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उचित सत्यापन के बिना राशन कार्ड रद्द नहीं किए गए हैं।

इस बीच मुख्यमंत्री रघुबर दास द्वारा गठित टीन सदस्यीय जाँच टीम ने अपनी रिपोर्ट सौंपते हुए कहा कि लड़की की मृत्यु मलेरिया की वजह से हुई थी।

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