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माल्या का प्रत्यर्पण करा भारत तोड़ेगा भ्रम, अपराध कर विदेश जाने से नहीं बच सकते अपराधी

भारत सरकार इसके माध्यम से इस भ्रम को खत्म करना चाहती है कि कानून तोड़कर विदेश जाने से कोई भी बच सकता है।

Updated on: 18 Apr 2017, 08:00 PM

नई दिल्ली:

विजय माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर ब्रिटेन की कोर्ट में भारतीय उच्चायोग और सीबीआई भारत का पक्ष रखेंगे। भारत सरकार इसके माध्यम से इस भ्रम को खत्म करना चाहती है कि कानून तोड़कर विदेश जाने से कोई भी बच सकता है।

सरकार के उच्च सूत्रों के अनुसार माल्या के प्रत्यर्पण की कोशिश कर रहा है। माल्या पर बैंकों से कर्ज़ लेकर वापस न करने का आरोप है।

सूत्रों का कहना है, 'हम इस भ्रम को खत्म करना चाहते हैं कि सीमा पार करके निकल भागने से आप बच सकते हैं। माल्या का प्रत्यर्पण इसकी परीक्षा होगी।'

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माल्या को भारत की अदालत ने भगोड़ा घोषित किया हुआ है। माल्या को मंगलवार को स्कॉटलैंड यार्ड ने भारतीय जांच एजेंसी सीबीआई के प्रत्यर्पण के अनुरोध पर गिरफ्तार किया गया था। लेकिन उन्हें लंदन की कोर्ट ने जमानत पर रिहा कर दिया है।

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इससे पहले माल्या को भारत वापस लाने के लिए भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने नई दिल्ली में ब्रिटेन के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी।

इस बैठक में ब्रिटेन के गृह मंत्रालय के अधिकारियों के अलावा भारतीय विदेश मंत्रालय, सीबीआई, गृह मंत्रालय और इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी शामिल हुए थे।

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20 और 21 फरवरी को दोनों देशों के बीच हुई बातचीत में दोनों पक्षों की ओर से इन मामलों में कानूनी प्रक्रिया की जानकारी दी गई थी। इसके बाद माल्या के भारत प्रत्यर्पण की राह आसान हो गई थी। पहले देश के कई न्यायालयों के अलावा सीबीआई व प्रवर्तन निदेशालय में भी माल्या के खिलाफ मामला चल रहा है।

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