गुरुग्राम: बिना 'आधार' गर्भवती महिला को नहीं किया भर्ती, अस्पताल के बाहर दिया बच्चे को जन्म
गुरुग्राम में सिविल अस्पताल में आधार न होने पर प्रसव पीड़ा से जूझ रही गर्भवती महिला को अस्पताल के बाहर घंटों इंतज़ार करना पड़ा।
नई दिल्ली:
गुरुग्राम में सिविल अस्पताल का असंवेदनशील चेहरा सामने आया है। आधार न होने पर प्रसव पीड़ा से जूझ रही गर्भवती महिला को अस्पताल के बाहर घंटों इंतज़ार करना पड़ा।
महिला के परिजनों का कहना है कि आधार नंबर न होने पर अस्पताल के स्टाफ ने महिला को कथित रूप से भर्ती करने से इंकार कर दिया। महिला ने अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के बाहर बच्चे को जन्म दिया।
इस घटना के सामने आने के बाद गुरुग्राम के चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. बी.के. राजगो ने कहा, 'अस्पताल के एक डॉक्टर और कर्मचारी नर्स को निलंबित कर दिया गया है।'
डॉ. राजोरा ने कहा, 'यह पता लगाने के लिए कि इस मामले में अन्य कर्मचारी लिप्त है कि नहीं इसकी आंतरिक जांच शुरू कर दी गई है।'
महिला की पहचान 25 वर्षीय मुन्नी केवत के रूप में हुई है। महिला को प्रसव पीड़ा होने के बाद उनके पति उन्हें अस्पताल लेकर गए थे।
महिला की पति अरुण केवत ने कहा, 'हम लगभग 9 बजे अस्पताल पहुंचे और कैजुअल वार्ड गए। स्टाफ ने हमें लेबर वार्ड में जाने का निर्देश दिया। जब हम वहां पहुंचे, तो कर्मचारियों ने आधार कार्ड के लिए पूछा'
मुन्नी के पति ने दावा करते हुए कहा कि अस्पताल के कर्मचारियों ने महिला के पति से आधार कार्ड की ऑरिजनल या फोटो कॉपी मांगी थी। एक महिला डॉक्टर ने महिला के पति से कहा कि आधार कार्ड होने पर ही महिला को अस्पताल में भर्ती करवाया जा सकेगा। अपनी पत्नी को रिश्तेदारों के पास छोड़ वे प्रिंट आउट निकलवाने चला गया।
महिला के रिश्तेदार ने कहा, 'जब हम मुन्नी को कैजुलिटी वार्ड में लेकर जाने लगे तब उसे प्रवेश करने से मना कर दिया गया।'
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उन्होंने कहा, 'मैं मुन्नी के साथ कैजुअलिटी वार्ड के पास गया, लेकिन कर्मचारियों ने उसे वहां बैठने की इजाजत नहीं दी। उन्होंने हमें बाहर निकाल दिया। मुन्नी पहले से ही गंभीर श्रम के दर्द में थी और उसने बच्चे को आपातकालीन वार्ड के बाहर जन्म दिया।'
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इस मामले पर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने सरकार को घेरते हुए ट्वीट किया, ज़िंदगी हुई ...... बिन आधार,
'आधार' ने किया निराधार।
40 मौतें हो चुकी,
अब लेबर पेन में बच्चे का जन्म अस्पताल के गेट पर - क्योंकि माँ के पास 'आधार कार्ड' नहीं।
क्या देश के दर्द की टीस सुन पा रही है ‘अपनी डफली अपना राग’ अलापने वाली मोदी सरकार?
ज़िंदगी हुई ...... बिन आधार,
— Randeep S Surjewala (@rssurjewala) February 10, 2018
‘आधार’ ने किया निराधार।
40 मौतें हो चुकी,
अब लेबर पेन में बच्चे का जन्म अस्पताल के गेट पर - क्योंकि माँ के पास ‘आधार कार्ड’ नहीं।
क्या देश के दर्द की टीस सुन पा रही है ‘अपनी डफली अपना राग’ अलापने वाली मोदी सरकार? pic.twitter.com/cEt1N9XiiW
परिवार के सदस्यों ने अस्पताल के कर्मचारियों के अमानवीय व्यवहार के खिलाफ विरोध किया और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की, जिसके बाद एक डॉक्टर और एक नर्स को निलंबित कर दिया गया है।
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