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गुजरात चुनाव 2017: मोदी और चाय पर तंज कांग्रेस को नहीं देता ताजगी, हमेशा रहा है नुकसान का सौदा

इंडियन यूथ कांग्रेस की ऑनलाइन मैगजीन ‘युवा देश’ ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मज़ाक उड़ाया है। इस तरह के बयानों ने कांग्रेस को हमेशा की नुकसान पहुंचाया है।

Updated on: 22 Nov 2017, 02:45 PM

नई दिल्ली:

गुजरात चुनाव को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में राजनीतिक लड़ाई का स्तर गिरता जा रहा है। इंडियन यूथ कांग्रेस की ऑनलाइन मैगजीन ‘युवा देश’ ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मज़ाक उड़ाया है। इस तरह के बयानों ने कांग्रेस को हमेशा की नुकसान पहुंचाया है।

प्रधानमंत्री के पद की गरिमा को ताक पर रखकर जिस स्तर की भाषा का इस्तेमाल किया गया है वो सभ्य समाज में कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

पाटीदार आरक्षण पर बैकफुट पर आई बीजेपी को बैठे-बिठाए कांग्रेस ने एक हथियार दे दिया है। जाहिर है कि इस ट्वीट पर भड़की बीजेपी ने कांग्रेस को गरीब विरोधी तक करार दे दिया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दिये जाने वाले बयानों में भाषा के इस्तेमाल को लेकर राहुल गांधी ने हाल ही में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को नसीहत दी भी थी। साथ ही कहा था कि वो प्रधानमंत्री पद की गरिमा का ध्यान रखते हैं।

लेकिन इंडियन यूथ कांग्रेस के इस ट्वीट से राहुल गांधी पर भी सवाल खड़ा हो रहा है। भले ही कांग्रेस ने माफी मांगते हुए इस ट्वीट से दूरी बना ली है और उस पोस्ट को डिलीट कर दिया गया हो।

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इससे पहले भी कांग्रेस ने इस तरह का बयान दिया था और उन बयानों से मोदी और बीजेपी की जीत और अपनी हार सुनिश्चित की। ये पहली बार नहीं है कि चुनावों के ठीक पहले कांग्रेस की तरफ से इस तरह के बयान आए हैं और कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ा है।

मौत का सौदागर

2002 में गोधरा के बाद हुए गुजरात दंगों को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नरेंद्र मोदी (तत्कालीन) पर हमला किया था। रैली के दौरान अपने भाषण में सोनिया गांधी ने मोदी को 'मौत का सौदागर' करार दिया था। उनका ये बयान कांग्रेस के लिये भारी पड़ा। राज्य विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की बुरी हार हुई।

पार्टी की इस हार के लिये 'मौत का सौदागर' बयान को ही सबसे बड़ा कारण माना जाता है। मोदी ने भी इस बयान को हिंदू अस्मिता से जोड़ दिया था।

यही वजह रही कि कांग्रेस ने 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी के घोषणापत्र और मोदी के खिलाफ तैयार की गई चार्जशीट में गोधरा का जिक्र भी नहीं किया गया था।

मणिशंकर अय्यर का बयान

2014 के लोकसभा चुनावों को दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने एक ऐसा बयान दिया जिसको लेकर कांग्रेस के अंदर भी भूचाल आ गया था।

मोदी बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित किये जा चुके थे। कांग्रेस का अधिवेशन था और मणिशंकर अय्यर मीडिया से बात कर रहे थे। अपने अंदाज़ में अय्यर ने मोदी पर तंज करते हुए कहा था, '21वीं शताब्दी में वह (नरेंद्र मोदी) प्रधानमंत्री बन पाएं, ऐसा कतई मुमकिन नहीं है... लेकिन यदि वह यहां (कांग्रेस अधिवेशन में) आकर चाय बेचना चाहें तो हम उनके लिए जगह बना सकते हैं...'

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अय्यर के इस बयान को बीजेपी ने हाथों-हाथ लिया और कांग्रेस को गरीब विरोधा करार दिया। अय्यर के इस बयान का उत्तर भारत क्षेत्र में काफी असर हुआ और कांग्रेस के खिलाफ माहौल बना।

सर्जिकल स्ट्राइक पर राहुल का 'दलाली' बयान 

इस साल की शुरुआत में संपन्न हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के ठीक पहले सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधा था।

उन्होंने कहा था प्रधानमंत्री मोदी ‘जवानों के खून की दलाली’ कर रहे हैं। राहुल गांधी के इस बयान से भी कांग्रेस के खिलाफ लोगों में भावना बनी और उत्तर प्रदेश के चुनावों में उसकी स्थिति खराब हुई।

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युवा कांग्रेस के इस ट्वीट से बीजेपी को नया मुद्दा मिल गया है और वो गुजरात चुनावों में कांग्रेस पर तीखे हमले करने से पीछे नहीं हटेगी। गुजरात चुनावों में बीजेपी ने 150 सीटों का लक्ष्य रखा था लेकिन पाटीदार आरक्षण और हार्दिक पटेल का कांग्रेस के साथ जाने से बीजेपी के रणनीतिकार परेशान थे।

इस ट्वीट को सीधे तौर पर बीजेपी गरीबों की अस्मिता से जोड़ेगी और वंशवाद और रसूखदार परिवारों के प्रभाव पर हमला करेगी। राहुल गांधी की नसीहत और ट्वीट को डिलीट करने के बाद भी बीजेपी खासकर प्रधानमंत्री मोदी अपनी रैलियों में इस मुद्दे पर कांग्रेस पर हमला करने से नहीं चूकेंगे।

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