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ममता बोलीं- गुजरात में मोदी की 'नैतिक हार', अखिलेश ने कहा, बीजेपी की 'तथाकथित जीत'

गुजरात विधानसभा चुनाव में जीत पर भले ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) कश्मीर से कन्याकुमारी तक जश्न मना रही हो। लेकिन विपक्ष ने एक शुर में इसे मोदी की 'नैतिक हार' करार दिया है।

Updated on: 18 Dec 2017, 09:39 PM

highlights

  • गुजरात चुनाव परिणाम पर बोले अखिलेश, बीजेपी का दो अंकों में सिमट जाना उनके पतन की शुरुआत
  • ममता ने कहा, यह अस्थायी व लाज बचाने वाली जीत है, लेकिन यह बीजेपी की नैतिक हार को दिखाती है
  • गुजरात की 182 सीटों में से बीजेपी ने 99 सीटों पर, कांग्रेस ने 77 सीटों पर जीत दर्ज की है

नई दिल्ली:

गुजरात विधानसभा चुनाव में जीत पर भले ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) कश्मीर से कन्याकुमारी तक जश्न मना रही हो। लेकिन विपक्ष ने एक शुर में इसे मोदी की 'नैतिक हार' करार दिया है।

गुजरात में कांग्रेस के साथ रही समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी को आड़े हाथों लिया।

कांग्रेस ने कहा कि जनादेश स्वीकार्य है, मगर मोदी का तिलिस्म टूट गया। मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अरुण यादव ने कहा कि 'जनादेश स्वीकार्य है, परंतु बीजेपी के ब्रांड एम्बेसडर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तिलिस्म उनके ही गृहराज्य में टूट गया है' क्योंकि जीत का अंतर उंगलियों पर गिना जा सकता है।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को 'क्रोध के खिलाफ गरिमा' से लड़ने के लिए शुक्रिया अदा किया और कहा कि गुजरात व हिमाचल प्रदेश के चुनाव में कांग्रेस का सबसे मजबूत पक्ष पार्टी की 'शालीनता व साहस' रहा।

अखिलेश यादव

वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी बीजेपी की जीत को 'तथाकथित जीत' बताया।

गुजरात में कांग्रेस का साथ दे रही अखिलेश ने कहा, 'गुजरात में बीजेपी का दो अंकों में सिमट जाना उनके पतन की शुरुआत है। ये गाँव, ग़रीब और ग्रामीण की उपेक्षा का नतीजा है। ये बीजेपी की तथाकथित जीत है।'

ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने बीजेपी की गुजरात विधानसभा चुनाव में जीत को 'अस्थायी' और 'लाज बचाने वाली' बताया। ममता ने बीजेपी की जीत को 'नैतिक हार' करार दिया।

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ममता ने ट्वीट किया, 'मैं गुजरात के मतदाताओं को इस दौर में बहुत ही संतुलित फैसले के लिए बधाई देती हूं। यह अस्थायी व लाज बचाने वाली जीत है, लेकिन यह भाजपा की नैतिक हार को दिखाती है।'

उन्होंने कहा, 'गुजरात ने आम लोगों पर हुए अत्याचारों, व्यग्रता व अन्याय के खिलाफ वोट दिया। गुजरात ने 2019 का आगाज कर दिया।'

क्यों मिला विपक्ष को बोलने का मौका?

गुजरात में सत्तारूढ़ बीजेपी अपनी सत्ता बरकरार रखने में सफल रही है। हालांकि बीजेपी तिहाई का आंकड़ा नहीं छू सकी। इसी बहाने विपक्ष ने बीजेपी की जीत को 'लाज बचाने वाली' जीत बताया है। गुजरात की 182 सीटों में से बीजेपी ने 99 सीटों पर, कांग्रेस ने 77 सीटों पर जीत दर्ज की है।

राज्य में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने एक, भारतीय ट्राइबल पार्टी ने 2 और अन्य ने 3 सीट पर जीत दर्ज की है।

साल 2012 में बीजेपी को विधानसभा चुनाव में 48.30 फीसदी वोटों के साथ 115 सीटें हासिल हुई थीं, जबकि कांग्रेस 40.59 फीसदी वोट के साथ 61 सीटें हासिल कर पाई थी।

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