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सरकार किसी भी मारे गए जवान को नहीं कहती 'शहीद'

सरकार किसी भी कार्रवाई के दौरान सुरक्षा बलों के जवानों की मौत होने पर उसे शहीद का दर्जा नहीं देती है।

Updated on: 06 Dec 2016, 11:15 PM

नई दिल्ली:

सरकार किसी भी कार्रवाई के दौरान सुरक्षा बलों के जवानों की मौत होने पर उसे शहीद का दर्जा नहीं देती है। इस बात की जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को लोक सभा में दी।

एक प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरन रिजीजू ने लोकसभा में बताया, 'रक्षा मंत्रालय ने गृह मंत्रालय को बताया है किसी ऑपरेशन के दौरान जवान की मौत हो जाने पर उसके लिए शहीद जैसा शब्द भारतीय सेना में इस्तेमाल नहीं किया जाता।'

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रिजीजू ने कहा,' इसी प्रकार केंद्रीय सशस्त्र बलों और असम राइफल्स के कर्मी भी अगर किसी अभियान या कार्रवाई में मारे जाते हैं तो ऐसे किसी शब्द का उल्लेख नहीं किया जाता है।'

हालांकि गृह राज्यमंत्री का कहना है कि मारे गए जवानों के परिवार या करीबी संबंधी को नियमों के अनुरूप पूरी पेंशन और एक मुश्त अनुग्रह राशि दी जाती है।


लोकसभा में लिखित प्रश्न पूछा गया गया था,'क्या सरकार 'शहीद' शब्द का इस्तेमाल इसलिए करती है ताकि वो मरने वाली श्रेणी में आने वाले जवानों को 'शहीद' कह सके?'