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नोटबंदी के कारण सही दाम न मिलने पर किसानों ने सड़को पर फेंके आलू

शुक्रवार को कांग्रेस की अगुवाई में किसानों ने इंदौर में मुफ्त आलू बांटने का ऐलान किया था, मगर पुलिस ने जब वाहनों को राजवाड़े की ओर नहीं जाने दिया तो किसानों आलू को सड़कों पर फेंक दिया गया।

Updated on: 16 Dec 2016, 09:06 PM

नई दिल्ली:

सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद कई जगह लोग इसका विरोध कर रहें है। बैंको की लाइन में लगे लोगों की परेशानी के बारे में आपको पता ही है पर इस बार नोटबंदी के चलते आलू के सही दाम न मिलने से परेशान किसानों का गुस्सा फूटा है।

शुक्रवार को कांग्रेस की अगुवाई में किसानों ने इंदौर में मुफ्त आलू बांटने का ऐलान किया था, मगर पुलिस ने जब वाहनों को राजवाड़े की ओर नहीं जाने दिया तो किसानों आलू को सड़कों पर फेंक दिया गया।

कांग्रेस के विधायक जीतू पटवारी की अगुवाई में किसान ट्रैक्टरों में आलू भरकर शुक्रवार की सुबह राजवाड़े की ओर निकले, मगर पुलिस की चाक चौबंद व्यवस्था के चलते उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया गया। इससे गुस्साए कांग्रेस नेताओं और किसानों ने ट्रैक्क्टर में भरे आलू के बोरों को सड़क पर उतार कर आलू को सड़कों पर फेंकना शुरू कर दिया। एक तरफ कांग्रेस व किसानों ने आलू को सड़कों पर फेंका, इसे पुलिस ने रोकने की कोशिश की, तो दोनों के बीच धक्का-मुक्की की स्थिति बन गई।

पटवारी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसान को लागत का दोगुना दाम देते हुए खेती को फायदे धंधा बनाने की बात की जाती रही है, लेकिन नोटबंदी के चलते किसानों को एक-दो रुपये किलो की दर से आलू बेचना पड़ रहा है।

विधायक ने आगे बताया कि दाम के मुकाबले बाजार तक लाने में आने वाली लागत को ध्यान में रखकर उन्होंने किसानों के साथ राजवाड़े पर नि:शुल्क आलू वितरण का निर्णय लिया था, मगर पुलिस ने उन्हें राजवाड़े नहीं जाने दिया। विरोध में आलू को सड़क पर फेंक दिया गया।

पुलिस ने प्रदर्शनकारी कांग्रेस नेताओं और किसानों को राजवाड़े की ओर नहीं बढ़ने दिया। सभी को रास्ते में ही रोककर हिरासत में ले लिया।