चुनावी बॉंड सही दिशा में उठाया गया कदम: आयोग
मुख्य चुनाव आयुक्त ए के जोती ने हालांकि यह भी कहा कि दान पर आधारित राजनीतिक दलों की वित्तपोषण प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शी बनाने का मकसद सिर्फ चुनावी बांड से पूरा नहीं होगा।
नई दिल्ली:
चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों की वित्तपोषण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिये चुनावी बांड जारी करने की केन्द्र सरकार की पहल को सही कदम बताया है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ए के जोती ने हालांकि यह भी कहा कि दान पर आधारित राजनीतिक दलों की वित्तपोषण प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शी बनाने का मकसद सिर्फ चुनावी बांड से पूरा नहीं होगा। बता दें कि कुछ महीने पहले आयोग चुनावी बांड को दोयम दर्जे की कवायद करार दे चुका है।
त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड के आगामी विधानसभा चुनाव में दानदाताओं द्वारा राजनीतिक दलों को चुनावी बांड के जरिये चंदा दे सकने के सवाल पर जोती ने कहा कि वित्त मंत्रालय ने इस तरह के बांड के इस्तेमाल को अधिसूचित कर दिया है इसलिये ‘बेशक’ इन चुनावों में इनका इस्तेमाल किया जा सकेगा।
तीनों राज्यों में फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम घोषित करने के बाद जोती ने कहा 'हमें उम्मीद है कि यह सही दिशा में उठाया गया कदम साबित होगा।'
चुनावी बांड के मामले में आयोग के रुख में आये बदलाव के सवाल पर जोती ने कहा 'कोई बदलाव नहीं आया है।'
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उन्होंने कहा कि बांड के माध्यम से दिया गया दान बैंकिंग प्रक्रिया का हिस्सा होगा इसलिये यह सही दिशा में पहला कदम होगा।
जोती ने कहा 'मैंने यह नहीं कहा कि इससे समस्या का समाधान हो जायेगा। इसे जारी होने दीजिये, इसके बाद ही इसके बेहतर परिणाम देखने को मिलेंगे।'
उल्लेखनीय है कि पिछले साल मई में चुनाव आयोग ने चुनावी चंदे के मामले से संबद्ध संसदीय समिति के समक्ष इसे ‘दोयम दर्जे’ का कदम बताया था।
आयोग ने राजनीतिक दान में पारदर्शिता की समस्या के समाधान की दिशा में सरकार द्वारा सुझाये गये चुनावी बांड के विकल्प को बहुत कारगर नहीं बताया था।
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उत्तर प्रदेश में दो लोकसभा सीटों पर लंबित उपचुनाव का कार्यक्रम अब तक घोषित नहीं किये जाने के सवाल पर जोती ने कहा कि राज्य में संशोधित मतदाता सूची बनाने का काम जारी है। इसके पूरा होने पर ही उपचुनाव कार्यक्रम घोषित किया जा सकेगा।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गोरखपुर और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा फूलपुर संसदीय क्षेत्र से त्यागपत्र देने के कारण इन सीटों पर उपचुनाव होना है।
जोती ने स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश में संशोधित मतदाता सूची बनाने का काम अगले महीने पूरा होने की उम्मीद है। यह काम पूरा होने के एक महीने के भीतर चुनाव करा लिया जायेगा।
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