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बैंकों का फंसा कर्ज मोदी सरकार के कार्यकाल में बढ़ा: कांग्रेस

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, 'कल (बुधवार) मोदी जी ने कहा कि एनपीए सबसे बड़ा घोटाला है। हम इससे सहमत हैं, लेकिन हम जानना चाहते हैं कि किसने इसे पैदा किया है।'

Updated on: 14 Dec 2017, 06:58 PM

नई दिल्ली:

कांग्रेस ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उनके उन आरोपों को लेकर जवाबी हमला किया, जिसमें उन्होंने बैंकों के फंसे हुए कर्जो (एनपीए) का जिम्मेदार कांग्रेसनीत संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सरकार को बताया था और कहा था कि उसने बैंकों को चुने हुए उद्योगपतियों को कर्ज देने के लिए मजबूर किया था। इसके जवाब में कांग्रेस ने कहा कि फंसे कर्जे मोदी के शासनकाल में बढ़े हैं। 

कांग्रेस ने इस मामले की एक स्वतंत्र एजेंसी से जांच करवाने की मांग की है। 

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, 'कल (बुधवार) मोदी जी ने कहा कि एनपीए सबसे बड़ा घोटाला है। हम इससे सहमत हैं, लेकिन हम जानना चाहते हैं कि किसने इसे पैदा किया है।'

मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए सुरजेवाला ने कहा, 'जब कांग्रेस ने 2014 में सत्ता खोई थी, तब भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुसार वित्त वर्ष 2013-14 में सरकारी बैंकों का कुल फंसा हुआ कर्ज 2,27,264 करोड़ रुपये था।'

उन्होंने कहा, 'और प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) की 24 अक्टूबर 2017 को जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, यह साल 2017 के जून तक बढ़कर 7,33,137 करोड़ रुपये हो गया। मोदी सरकार के 42 महीनों के कार्यकाल में एनपीए में 5,05,873 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई।'

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उन्होंने कहा कि अधिसूचित वाणिज्यिक बैंकों का कुल एनपीए वित्त वर्ष 2013-14 में 2,63,372 करोड़ रुपये था। 

उन्होंने कहा, 'रेटिंग एजेंसी सीएआरई के मुताबिक, अधिसूचित वाणिज्यिक बैंकों को कुल एनपीए 8,29,338 करोड़ रुपये है, जो मोदी सरकार के 42 महीनों के कार्यकाल में 5,65,966 करोड़ रुपये बढ़ा है।'

सुरजनेवाला ने यह भी कहा कि मोदी सरकार ने उद्योगपतियों का कुल 1,88,287 करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया। 

उन्होंने कहा, 'वित्त वर्ष 2014-15 में एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) ने कुल 49,018 करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया, वित्त वर्ष 2015-16 में कुल 57,586 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया और वित्त वर्ष 2016-17 में कुल 81,683 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया।'

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कांग्रेस नेता ने कहा, 'अगर वह एनपीए को सबसे बड़ा घोटाला कहते हैं, तो उन्हें इसका जवाब देना चाहिए कि उनकी नाक के ठीक नीचे इतना बड़ा घोटला कैसे हुआ?'

उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री को यह भी जवाब देना होगा कि क्यों उनकी सरकार ने पिछले तीन वर्षो में जानबूझकर कर्ज नहीं चुकानेवालों का 1,88,287 करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया।'

उन्होंने सरकार को एक स्वतंत्र जांच एजेंसी से इसकी जांच कराने की चुनौती दी। 

बुधवार को मोदी ने अपने पूववर्ती मनमोहन सिंह और संप्रग सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि इस सरकार के कुछ 'लोगों' ने बैंकों को कुछ उद्योगपतियों को कर्ज देने के लिए मजबूर किया, जिसे उन्होंने 'सबसे बड़ा घोटाला' करार दिया था, जो कि 2जी, कोयला और कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाले से भी बड़ा है।

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