सुप्रीम कोर्ट ने एक दिन पहले सुनाया फैसला, दूसरे दिन अफसरों के ट्रांसफर पोस्टिंग पर फिर आमने- सामने आए उपराज्यपाल और केजरीवाल
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल अनिल बैजल के बीच तनातनी बनी हुई है।
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी अफसरों के तबादले और नियुक्ति को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल अनिल बैजल के बीच तनातनी बनी हुई है।
अफसरों की ट्रांसफर और पोस्टिंग को लेकर अरविंद केजरीवाल सरकार के जारी किए गए आदेश को सेवा विभाग ने अधिकार क्षेत्र से बाहर बताते हुए मानने से इनकार कर दिया।
सर्विसेज डिपार्टेमेंट के अधिकारियों ने कहा कि ट्रांसफर और पोस्टिंग का अधिकारी सिर्फ दिल्ली के उपराज्यपाल के पास है इसलिए हम केजरीवाल सरकार के आदेश को नहीं मानेंगे।
वहीं इस मामले को लेकर दिल्ली सरकार ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से साफ है कि पुलिस, लॉ एंड आर्डर और जमीन के मामले को छोड़कर चुनी हुई सरकार सभी मामलों में फैसले लेने का अधिकार है।
वहीं इस ताजा विवाद को लेकर दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा अगर अफसर सरकार का फैसला नहीं मानेंगे तो देश में अफरा तफरी मच जाएगी। अफसर नहीं सुनेंगे तो लोकतंत्र कैसे चलेगा।
उन्होंने कहा, 'मुख्य सचिव ने मुझे पत्र लिखकर बताया कि सेवा विभाग के अधिकारी आदेश का पालन नहीं करेंगे। अफसर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवमानना कर रहे हैं। फिलहाल हम इस मामले में कानूनी जानकारों की राय ले रहे हैं और एमें एलजी और केंद्र से सहयोग की जरूरत है।
वहीं सेवा विभाग ने आदेश नहीं मानने को लेकर कहा है कि आदेश के पालन से इनकार इसलिए कर दिया गया है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के 2016 में जारी अधिसूचना में ट्रांसफर और पोस्टिंग का अधिकार गृह मंत्रालय को दिया गया है जिसे अभी हटाया नहीं गया है।
इस ताजा विवाद के बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल अनिल बैजल से मिलने का समय मांगा है। केजरीवाल ने कहा कि वो एलजी से मिलकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करवाने में उनसे समर्थन मांगेंगे।
गौरतलब है कि बुधवार को दिल्ली सरकार के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के फैसला सुनाए जाने के बाद डिप्टी सीएम सिसोदिया ने कहा था कि अब अफसरों की ट्रांसफर और पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पास है।
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि पुलिस, लॉ एंड ऑर्डर और जमीन को छोड़कर उपराज्यपाल चुनी हुई सरकार की सलाह मानने को बाध्य हैं और वह इसमें किसी भी तरह का बाधा नहीं डाल सकते।
और पढ़ें: सुनंदा पुष्कर मौत मामला में शशि थरूर की मिली जमानत, कोर्ट की इजाजत के बगैर नहीं छोड़ सकते देश
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Kajol Workout Routine: 49 की उर्म में ऐसे इतनी फिट रहती हैं काजोल, शेयर किया अपना जिम रुटीन
-
Viral Photos: निसा देवगन के साथ पार्टी करते दिखे अक्षय कुमार के बेटे आरव, साथ तस्वीरें हुईं वायरल
-
Moushumi Chatterjee Birthday: आखिर क्यों करियर से पहले मौसमी चटर्जी ने लिया शादी करने का फैसला? 15 साल की उम्र में बनी बालिका वधु
धर्म-कर्म
-
Vikat Sanakashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कब? बस इस मूहूर्त में करें गणेश जी की पूजा, जानें डेट
-
Shukra Gochar 2024: शुक्र ने किया मेष राशि में गोचर, यहां जानें किस राशि वालों पर पड़ेगा क्या प्रभाव
-
Buddha Purnima 2024: कब है बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख मास में कैसे मनाया जाएगा ये उत्सव
-
Shani Shash Rajyog 2024: 30 साल बाद आज शनि बना रहे हैं शश राजयोग, इन 3 राशियों की खुलेगी लॉटरी