CJI ने कहा, अगले हफ्ते होने वाले बड़े मामलों की सुनवाई से रोकने के लिए लगाए गए आरोप
मुख्य न्यायाधीश ने कहा, देश के न्यायपालिका की स्वतंत्रता को बहुत बड़ी चेतावनी है. जो लोग भी इसके पीछे हैं, वे सीजेआई कार्यालय की गरिमा को गिराना चाहते हैं.
नई दिल्ली:
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर लगाए गए आरोपों को लेकर कुछ मीडिया पोर्टल पर ख़बर छपने के बाद आज सुप्रीम कोर्ट में विशेष बेंच बैठी. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने शनिवार को खुद पर लगे आरोपों को सिरे से नकार दिया. सीजेआई (CJI) कहा, मेरे खिलाफ लगाए गए आरोप बहुत बड़े षड्यंत्र का हिस्सा है. उन्होंने कहा, देश के न्यायपालिका की स्वतंत्रता को बहुत बड़ी चेतावनी है. जो लोग भी इसके पीछे हैं, वे सीजेआई कार्यालय की गरिमा को गिराना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि कल कुछ वेबपोर्टल की ओर से मेरा पक्ष जानने की कोशिश की गई. इस लेडी का खुद का क्रिमिनल बैकग्राउंड है. उसके खिलाफ दो एफआईआर पहले से ही दर्ज हैं. हमने दिल्ली पुलिस से पूछताछ की है कि क्रिमिनल बैकग्राउंड होने के बाद भी उसे सुप्रीम कोर्ट में एंट्री कैसे मिल गई.
सीजेआई ने कहा, मैं इन आरोपों का जबाब देकर ख़ुद को गिराना नहीं चाहता. एक जज को जिसने 20 साल ज्यूडिशियल सर्विस में गुजारे, जिसके बैंक अकाउंट में 6 लाख 80 हजार रुपये हैं, उसे ये इनाम मिला है. यह न्यायपालिका को बहुत बड़े खतरा है. मैं कार्यकाल के आखिर तक पूरी जिम्मेदारी से बिना किसी डर और निष्पक्षता के अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करूंगा. किसी जज के लिए उसकी रेपुटेशन सबसे अहम है और उसी पर हमले हो रहे हैं.
बीच में अटॉनी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा, मैं इस कोर्ट का ऑफिसर हूँ. सरकार का बचाव करने के चलते मुझ पर भी हमले किए गए. सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने भी कहा कि इस मामले को गम्भीरता से लिया जाना चाहिए. इस बीच CJI ने साफ किया कि वो इस मामले में ज्यूडिशियल आर्डर का हिस्सा नहीं होंगे. बेंच के उनके सहयोगी जज जस्टिस मिश्रा आर्डर पास करेंगे.
चीफ जस्टिस ने कहा, अच्छे लोग जज नहीं बनेंगे. अगर उन्हें इस तरह से टारगेट किया जाएगा. मेरे लिए मेरे सम्मान से बढ़कर कुछ भी नहीं है और इस सीट से यह कहने के लिए ही मैंने बेंच का गठन किया है.
हालांकि बेंच के दूसरे सदस्य जस्टिस मिश्रा, जस्टिस खन्ना ने कोई ज्यूडिशियल आर्डर पास करने से मना कर दिया पर दोनों जजों ने मीडिया को जिम्मेदारी के साथ रिपोर्टिंग करने को कहा. जजों ने कहा, बिना तथ्यों की पूरी छानबीन के महिला के आरोपों को न प्रकाशित किया जाए. चीफ जस्टिस ने कहा कि उन्हें अगले हफ्ते अहम मामले सुनने हैं और ये प्रयास किया गया है ताकि सुनवाई प्रभावित हो जाए.
कोर्ट ने कहा कि कोई ज्यूडिशियल ऑर्डर पास नहीं कर रहे, पर मीडिया न्यायपालिका की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदारी से काम करे. चीफ जस्टिस ने सुनवाई पूरी करते हुए कहा, उनके खिलाफ आरोपों की जांच बाकी जज करेंगे. मीडिया रिपोर्टिंग पर बैन नहीं लगाया जाएगा. चीफ जस्टिस ने कहा, मीडिया खुद फैसला ले.
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