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कावेरी प्रबंधन प्राधिकरण को सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी, केंद्र नहीं देगा दखल

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 2007 के कावेरी फैसले के क्रियान्वय के लिए कावेरी प्रबंधन प्राधिकरण (सीएमए) को मंजूरी दे दी।

Updated on: 18 May 2018, 03:56 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 2007 के कावेरी फैसले के क्रियान्वय के लिए कावेरी प्रबंधन प्राधिकरण (सीएमए) को मंजूरी दे दी। कोर्ट ने 16 फरवरी के अपने फैसले में 2007 के कावेरी फैसले में संशोधन और इसकी पुष्टि की थी।

मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर व न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि सरकार जून में निर्धारित मॉनसून सत्र से पहले इसे अधिसूचित करेगी।

सीएमए का मुख्यालय दिल्ली में होगा और इसके पास सुप्रीम कोर्ट द्वारा संशोधित कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण के फैसले के क्रियान्वयन का पूरा अधिकार होगा। इस मामले में केंद्र प्रशासनिक सलाह के अलावा कोई दखल नहीं देगा।

सीएमए की बेंगलुरू में स्थित एक नियामक समिति द्वारा इसके कार्यों के निर्वहन में सहायता की जाएगी।

केंद्र ने 14 मई को सुप्रीम कोर्ट में कावेरी प्रबंधन योजना का मसौदा जमा किया था। इसके बाद अदालत ने कहा कि वह परीक्षण करेगी कि यह योजना उसके 16 फरवरी के फैसले के अनुरूप है या नहीं।

शीर्ष अदालत ने तीन मई को केंद्र को दक्षिणी राज्यों के बीच नदी जल बंटवारे को लेकर कावेरी प्रबंधन योजना नहीं बनाने को लेकर फटकार लगाई थी।

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