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बिहार बाढ़: गुजरात सरकार की मदद को नीतीश कुमार ने स्वीकारा, 2010 में लेने से किया था इनकार

गुजरात सरकार के मंत्री भूपेंद्र सिंह चुडासमा ने भी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को गुरुवार को पांच करोड़ रुपये का चेक सौंपा। इस मौके पर बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी मौजूद थे।

Updated on: 07 Sep 2017, 05:57 PM

highlights

  • गुजरात सरकार ने बाढ़ के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष कोष में दिये 5 करोड़ रुपये, नीतीश कुमार को सौंपे चेक
  • 2010 में नीतीश कुमार ने गुजरात सरकार की मदद लेने से कर दिया था इनकार

नई दिल्ली:

2008 की तरह एक बार फिर बिहार भीषण बाढ़ की चपेट में है। ऐसे में कई राज्य सरकार समेत बड़ी हस्तियों ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया है।

गुजरात सरकार के मंत्री भूपेंद्र सिंह चुडासमा ने भी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को गुरुवार को पांच करोड़ रुपये का चेक सौंपा। इस मौके पर बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी मौजूद थे।

लेकिन गुजरात सरकार की मदद के कई राजनीतिक मायने और इतिहास हैं, जिसकी काफी चर्चा भी हो रही है। लोगों को 2008 की बाढ़ और उसके बाद बिहार की बदली सियासत याद आ रही है।

गुजरात सरकार ने 2008 की भीषण बाढ़ की तबाही को देखते हुए मदद के लिए बिहार सरकार को 5 करोड़ रुपये का चेक भेजा था।

तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और नीतीश कुमार बिहार के। लेकिन नीतीश कुमार ने चेक के बाद होने वाली राजनीति को भांपा और उन्होंने चेक गुजरात सरकार को वापस भेज दिये। तब नीतीश सरकार में सहयोगी रही बीजेपी भौंचक रह गई थी और बिहार से लेकर दिल्ली-गुजरात तक सियासत तेज हो गई।

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दरअसल, 2010 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पटना में हो रही थी और नरेंद्र मोदी का राष्ट्रीय स्तर पर धीरे-धीरे कद बढ़ रहा था।

इसी दौरान बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने पटना में पोस्टर लगा दिया था कि गुजरात ने बिहार को 5 करोड़ की मदद की थी। इससे बौखलाए नीतीश कुमार ने गुजरात सरकार के पैसे लौटा दिए और बीजेपी नेताओं के सम्मान में दिये गये भोज को भी रद्द कर दिया। इस भोज में नरेंद्र मोदी भी शामिल होने वाले थे।

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जिसके बाद बीजेपी और जेडीयू के बीच शुरू हुई कड़वाहट इतनी बढ़ी की 2013 में जेडीयू ने बीजेपी से 17 साल पुराना गठबंधन तोड़ लिया। जेडीयू अकेले लोकसभा-विधानसभा चुनाव लड़ी।

नीतीश कुमार ने अपने पुराने राजनीतिक दुश्मन लालू यादव को दोस्त बनाया और बिहार में महागठबंधन बनाकर बीजेपी को सत्ता में आने से रोका। लेकिन अब एक बार फिर बिहार कि सियासत बदल चुकी है।

नीतीश कुमार ने 21 महीने तक 'दिक्कत' में सरकार चलाने के बाद महागठबंधन तोड़ लिया। अब बीजेपी के सहयोग से नीतीश मुख्यमंत्री हैं और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री। नीतीश-नरेंद्र मोदी की दोस्ती रंग चढ़ चुकी है। ऐसे में बीजेपी की नेतृत्व वाली गुजरात सरकार का चेक नीतीश कुमार कैसे नहीं स्वीकारते।

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