logo-image

नीतीश कुमार करेंगे प्रधानमंत्री मोदी के भोज में शिकरत, सोनिया की बैठक से थे नदारद

कांग्रेस प्रेसिडेंट सोनिया गांधी के नेतृत्व में नई दिल्ली में हुई विपक्षी दलों की बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की गैर-मौजूदगी चौंकाने वाली रही। जनता दल यूनाइटेड की तरफ से इस बैठक में शरद यादव ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया लेकिन कुमार का नहीं आना विपक्षी दलों की एकजुटता पर सवाल खड़े करता नजर आया।

Updated on: 27 May 2017, 12:05 PM

highlights

  • सोनिया गांधी की बैठक से नदारद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पीएम मोदी के भोज में शामिल होने की संभावना
  • सोनिया गांधी के नेतृत्व में हुई विपक्षी दलों की बैठक में जनता दल यूनाइटेड की तरफ से शरद यादव ने भाग लिया

New Delhi:

कांग्रेस प्रेसिडेंट सोनिया गांधी के नेतृत्व में नई दिल्ली में हुई विपक्षी दलों की बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की गैर-मौजूदगी चौंकाने वाली रही। जनता दल यूनाइटेड की तरफ से इस बैठक में शरद यादव ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया लेकिन कुमार का नहीं आना विपक्षी दलों की एकजुटता पर सवाल खड़े करता नजर आया।

सरकारी काम की व्यस्तता का हवाला देते हुए कुमार ने बैठक में भाग लेने से असमर्थता जताई लेकिन वह मॉरीशस के प्रधानमंत्री के स्वागत के मौके पर मोदी की तरफ से दिए गए भोज में शामिल होंगे।

इसे भी पढ़ें: राष्ट्रपति चुनाव: NDA के उम्मीदवार पर सरकार ने नहीं बनाई सहमति तो विपक्ष उतारेगा अपना उम्मीदवार

मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ भारत की तीन दिवसीय दौरे पर शुक्रवार को नई दिल्ली पहुंच चुके हैं। नीतीश कुमार को भी इस भोज में शामिल होने का न्योता दिया गया है।

नीतीश कुमार ने इस मामले को लेकर सफाई देते हुए कहा कि वह पहले ही सोनिया गांधी से मुलाकात कर चुके हैं। नीतीश ने कहा, 'वह पहले ही सोनिया गांधी से मिल चुके हैं और शरद यादव जेडीयू का प्रतिनिधित्व करेंगे, इसके बारे में 4-5 दिनों पहले ही घोषणा कर दी गई थी। सब कुछ बढ़ा चढ़ाकर पेश किया जा रहा है।'

उन्होंने कहा कि मैं मॉरीशस के प्रधानमंत्री के स्वागत में दिए गए भोज में शामिल होउंगा क्योंकि मुझे इसके लिए आमंत्रित किया गया है।

इससे पहले नई दिल्ली में शुक्रवार को सोनिया गांधी के नेतृत्व में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर हुई विपक्षी दलों की बैठक में नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए। वहीं बिहार में महागठबंधन की सहयोगी आरजेडी सुप्रीमो लालू ने इस बैठक में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

बैठक में राष्ट्रीय जनता दल की तरफ से लालू प्रसाद यादव, जनता दल यूनाइटेड की तरफ से शरद यादव, तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी, बहुजन समाज पार्टी की मायावती, समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव और नैशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला समेत कई अन्य क्षेत्रीय दलों के नेताओं ने भाग लिया।

इसे भी पढ़ें: अखिलेश बोले, सहारनपुर हिंसा के लिए रमज़ान-दिवाली में अंतर करने वाले जिम्मेदार

बिहार में नीतीश कुमार महागठबंधन की सरकार के मुख्यमंत्री है, जिसमें जनता दल यूनाइटेड के साथ कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) शामिल है। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब बिहार में महागठबंधन की सरकार को लेकर उठापटक की स्थिति सामने आई हो।

आरजेडी मुखिया लालू प्रसाद और उनके परिवार के खिलाफ बेनामी संपत्ति के मामले में आयकर विभाग के छापे के बाद लालू ने ट्वीट कर महागठबंधन के औचित्य पर ही सवाल खड़ा कर दिया था।

बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के लगाए गए आरोपों के बाद आयकर विभाग ने लालू यादव और उनके परिवार वालों से जुड़े 21 ठिकानों पर छापा मारा था। छापे के बाद लालू यादव ने ट्वीट करते हुए कहा था, 'बीजेपी को नया गठबंधन पार्टनर मुबारक हो।'

हालांकि बाद में लालू ने सफाई देते हुए इस विवाद को संभाल लिया था। वहीं नोटबंदी के मुद्दे पर लालू और कांग्रेस जहां सर्वाधिक मुखर थे, वहीं नीतीश कुमार मोदी सरकार के इस उपाय की तारीफ कर रहे थे।

इसे भी पढ़ें: कमलनाथ ने कहा- भाषण और आश्वासन से चल रही है केंद्र सरकार

नीतीश कुमार ने तब साफ किया था बिहार में बना महागठबंधन केवल राज्य तक ही सीमित है, जिसका राष्ट्रीय स्तर की राजनीति से कोई मतलब नहीं है।

सोनिया की बैठक में नहीं आकर नीतीश कुमार ने नए सिरे से महागठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं होने की अटकलों को फिर से हवा दी है। अब अगर वह इस बैठक के ठीक एक दिन बाद पीएम मोदी के भोज में शामिल होते हैं, तो इसे बिहार की राजनीति में नए समीकरण के संकेत के तौर पर देखा जाएगा।