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यूरिया की कालाबाजारी पर लगाम लगाने के लिए जाने जाएंगे अनंत कुमार

बेंगलुरू दक्षिण से सांसद रहे अनंत कुमार का जन्‍म 22 जुलाई 1959 को हुआ था. अभी वह नरेंद्र मोदी कैबिनेट में संसदीय कार्यमंत्री थे. वह 1996 से लगातार छह बार लोकसभा के सांसद रहे. उन्‍हें यूरिया में 100 प्रतिशत नीम कोटिंग के लिए जाना जाएगा.

Updated on: 12 Nov 2018, 11:13 AM

नई दिल्ली:

केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार का सोमवार सुबह करीब 2 बजे निधन हो गया. वह 59 साल के थे और कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे. उन्होंने बेंगलुरु में आखिरी सांस ली. उनके निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम बड़े नेताओं ने शोक जताया है. बेंगलुरू दक्षिण से सांसद रहे अनंत कुमार का जन्‍म 22 जुलाई 1959 को हुआ था. अभी वह नरेंद्र मोदी कैबिनेट में संसदीय कार्यमंत्री थे. वह 1996 से लगातार छह बार लोकसभा के सांसद रहे. उन्‍हें यूरिया में 100 प्रतिशत नीम कोटिंग के लिए जाना जाएगा.

कैंसर से जूझ रहे केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार का निधन, राष्‍ट्रपति कोविंद व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताया दुख

अनंत कुमार 1996 से बेंगलुरु दक्षिण लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के सांसद थे. मोदी सरकार में उन्हें रसायन और उर्वरक मंत्रालय और संसदीय मामलों का मंत्री पद मिला. वह शुरुआत में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े और छात्र राजनति से होते हुए भाजपा में आए थे. पिछले कुछ समय से वे कैंसर से पीड़ित थे. 12 नवंबर 2018 को उनकी स्‍थिति बिगड़ गई और उन्‍हें बचाया नहीं जा सका. पहले लंदन और फिर न्‍यूयॉर्क में उनका इलाज चला था. निधन से पहले उन्‍हें वेंटिलेटर पर रखा गया था.

05 जुलाई 2016 को उन्‍होंने संसदीय कार्य मंत्री का पद संभाला था. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2014 में सरकार बनी तो उन्‍हें रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय का जिम्‍मा दिया गया था. यूरिया की 100 प्रतिशत नीम कोटिंग अनंत कुमार के उर्वरक मंत्री रहते ही पूरी हो गई थी. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भी वे मंत्री रहे. तब उन्‍हें नागरिक उड्डयन मंत्रालय का प्रभार दिया गया था. 2004 में भारतीय जनता पार्टी ने उन्‍हें महासचिव पद की भी जिम्‍मेदारी सौंपी थी और बिहार, मध्‍य प्रदेश और छत्‍तीसगढ़ सहित कुछ राज्‍यों का प्रभार उनके पास था. अपनी पार्टी के अलावा विपक्षी पार्टी के नेताओं से भी उनके मधुर रिश्‍ते थे. इसलिए पार्टी में उन्‍हें ट्रबल शूटर माना जाता था.

वह शुरुआत में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से जुड़े और छात्र राजनति से होते हुए बीजेपी में आए थे. परिवार की बात करें तो उनकी फैमिली में पत्नी तेजस्विनी व दो बेटियां ऐश्वर्या और विजेता हैं.