बर्ड फ्लू के साये तले इस तरह चिकन और अंडे खाने से नहीं कोई खतरा, परामर्श जारी
कोरोना संक्रमण (Corona) के साये तले जी रहे भारत में बर्ड फ्लू अच्छी-खासी तादात में फैल रहा है. देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू का वायरस पहुंच चुका है.
नई दिल्ली:
कोरोना संक्रमण (Corona) के साये तले जी रहे भारत में बर्ड फ्लू अच्छी-खासी तादात में फैल रहा है. देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू का वायरस पहुंच चुका है. इस वायरस के खौफ से अंडे और चिकन से लोगों ने दूरी बना रही है. इस बीच भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने परामर्श जारी किया है और कहा है कि अच्छी तरह पकाए हुए चिकेन, मांस और अंडों के अंदर मौजूद बर्ड फ्लू (Bird Flu) के वायरस निष्क्रिय हो जाते हैं. इसलिए इसे खाने से इंसान को कोई खतरा नहीं रहता.
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देश में बर्ड फ्लू के डर को देखते हुए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने खाद्य व्यवसाय संचालकों (एफबीओ) और उपभोक्ताओं में जागरूकता पैदा करने के लिए बर्ड फ्लू महामारी के दौरान पोल्ट्री मांस और अंडों की सुरक्षित हैंडलिंग, प्रसंस्करण और खपत पर एक मार्गदर्शन दस्तावेज जारी किया है. वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि पोल्ट्री मांस और अंडों का सेवन करना सुरक्षित है.
सुझाव दिया गया है- आधा उबला हुआ अंडे मत खाएं, अधपका चिकन न खाएं, संक्रमित क्षेत्रों में पक्षियों के साथ सीधे संपर्क से बचें, नंगे हाथों से मृत पक्षियों को छूने से बचें, कच्चा मांस न रखें, कच्चे मांस से सीधा संपर्क न करें, कच्चे चिकन को छूते समय मास्क और दस्ताने का इस्तेमाल करें, हाथ बार-बार धोएं, आसपास की साफ-सफाई बनाए रखें.
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क्या होता है बर्ड फ्लू
एवियन इन्फ्लूएंजा या एवियन फ्लू को बर्ड फ्लू कहा जाता है. बर्ड फ्लू पक्षियों से फैलने वाला रोग है. संक्रमित पक्षी के संपर्क में आने से यह रोग इंसानों को भी हो जाता है, चाहे पक्षी मरा हो या जिंदा हो दोनों से ही रोग फैलने का खतरा रहता है. बर्ड फ्लू के लिए H5N1 वायरस जिम्मेदार होता है. संक्रमित पक्षी को खाने से भी यह रोग हो सकता है. यह एक खास तरह का श्वास रोग होता है यह रोग इतना खतरनाक होता है कि इससे संक्रमित व्यक्ति की जान भी जा सकती है. यानी इस बीमारी का मॉर्टालिटी रेट कोरोना वायरस से भी ज्यादा है.
बर्ड फ्लू के लक्षण
बर्ड फ्लू के लक्षण आमतौर पर होने वाले फ्लू के लक्षणों से काफी मिलते-जुलते हैं. एच5एन1 इंफेक्शन की चपेट में आने पर आपको खांसी, डायरिया, रेस्पिरेटरी में परेशानी, बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, बेचैनी, नाक बहना या गले में खराश की समस्या हो सकती है.
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