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चैत्र नवरात्रि स्पेशल :पौष्टिक तत्वों से भरपूर है कुट्टू का आटा

कुट्टू का आटा अनाज नहीं बल्कि फल से बनता है और पौष्टिक तत्वों भरपूर भी होता है। इन नौ दिनों में व्रत में गेहूं के आटे के बजाए कुट्टू के आटे का सेवन ज्यादा होता है।

Updated on: 31 Mar 2017, 08:26 AM

highlights

  • कुट्टू का आटा अनाज नहीं बल्कि फल से बनता है और पौष्टिक तत्वों भरपूर भी होता है।
  • कुट्टू का आटा कोलेस्ट्रोल और ब्लड प्रेशर को कम करता है।
  • कुट्टू का आटा प्रोटीन से भरपूर होता है और जिन्हें गेहूं से एलर्जी हो, उनके लिए बेहतरीन विकल्प है।
  • सेलियक रोग से पीड़ितों को भी इसे खाने की सलाह दी जाती है।

नई दिल्ली:

मां दुर्गा के नौ रूपों की अाराधना का पावन पर्व शुरू हो चुका है। नवरात्रि पर देवी पूजन और नौ दिन के व्रत का बहुत महत्व है

इन नौ दिनों में व्रत में गेहूं के आटे के बजाए कुट्टू के आटे का सेवन ज्यादा होता है। कुट्टू का आटा अनाज नहीं बल्कि फल से बनता है और पौष्टिक तत्वों भरपूर भी होता है।

कुट्टू का आटा प्रोटीन से भरपूर होता है और जिन्हें गेहूं से एलर्जी हो, उनके लिए बेहतरीन विकल्प है। इसमें मैग्नीशियम, विटामिन-बी, आयरन, कैल्शियम, फॉलेट, जिंक, कॉपर, मैग्नीज और फासफोरस भरपूर मात्रा में होता है।

कुट्टू का आटा कोलेस्ट्रोल और ब्लड प्रेशर को कम करता है। सेलियक रोग से पीड़ितों को भी इसे खाने की सलाह दी जाती है।

कुट्टू के आटे को चबाना आसान नहीं होता इसलिए इसे छह घंटे पहले भिगो कर रखा जाता है, फिर इन्हें नर्म बनाने के लिए पकाया जाता है, ताकि आसानी से पच सके। कुट्टू के आटे में ग्लूटन न होने की वजह से इसे बांधने के लिए आलू का प्रयोग किया जाता है।

इसकी पूरियां बनाते वक़्त एक बात जरूर ध्यान में रखिये।  कभी भी हाईड्रोजेनरेट तेल या वनस्पति का प्रयोग न करें, क्यूंकि यह इसके मेडिकल तत्वों को खत्म कर देता है। इसे बनी पूरियां ज्यादा कुरकुरी होती हैं। वैसे पूरी और पकोड़े तलने की बजाय इससे बनी रोटी खाएं।

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कुट्टू के आटे से आप इडली भी बना सकती है और समक के चावल का उपयोग करके आप स्वादिष्ट डोसा बना सकती है

जानिए पौष्टिक तत्वों से भरपूर कुट्टू के आटे के फायदे:

* कुट्टू 75 प्रतिशत जटिल काबोहाइड्रेट है और 25 प्रतिशत हाई क्वालिटी प्रोटीन जो कि वजन कम करने में यह बेहतरीन मदद करता है। इसमें अल्फा लाइनोलेनिक एसिड होता है, जो एचडीएल कोलेस्ट्रोल को बढ़ाता है और एलडीएल को कम करता है।

* कुट्टू के आटे में मैग्नीशियम होता है जो कि ब्लड प्रेशर घटाने में काफी मददगार है।

* कुट्टू के आटे में डी-चीरो-इनोसिटोल नामक तत्व होता है जो टाइप 2 डायबिटीज से बचाव में मददगार है।

* यह न घुलने वाले फायबर का अच्छा स्रोत है और पित्ताशय (Gall bladder) में पत्थरी होने से बचाता है। 5 प्रतिशत ज्यादा घुलनशील फायबर लेने से गाल ब्लैडर की पत्थरी होने का खतरा 10 प्रतिशत कम हो जाता है।

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* फाइबर से भरपूर कुट्टू का आटा डायब्टीज वालों के लिए बेहतर विकल्प है।

* कुट्टू के आटे में मौजूद चाईरो-इनोसिटोल की पहचान डायब्टीज रोकने वाले तत्व के रूप में की गई है।

* कुट्टू के आटे में मिलावट की जा सकती है और इसे विश्वसनीय स्रोत से ही खरीदना चाहिए। पिछले साल का बचा हुआ आटा भी प्रयोग नहीं करना चाहिए, इससे फूड-प्वॉयजनिंग हो सकती है।

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