सिर्फ धू्म्रपान ही नहीं खराब खान- पान भी देता है घातक बीमारियां
यह जरूरी है कि लोग जंक फूड से बचें और वनस्पति आधारित आहार को अपनाएं.
नई दिल्ली:
खराब आहार स्वास्थ्य के लिए धूम्रपान से भी ज्यादा घातक साबित हो रहा है. इसलिए, यह जरूरी है कि लोग जंक फूड से बचें और वनस्पति आधारित आहार को अपनाएं. ग्लोबल बर्डन ऑफ डिसीज स्टडी के वर्ष 2017 के आंकड़े के मुताबिक, विश्व में 20 प्रतिशत मौतें खराब आहार के कारण होती हैं.
ऐसा देखा गया है कि तनावपूर्ण वातावरण लोगों को चटपटे, मसालेदार जंक फूड वगैरह खाने के लिए प्रेरित करते हैं. इस आदत ने पौष्टिक भोजन की परिभाषा को बिगाड़ दिया है. यह समझना महत्वपूर्ण है कि स्वस्थ आहार का मतलब व्यक्ति के वर्तमान वजन के 30 गुना के बराबर कैलोरी का उपभोग करना ही नहीं है. स्थूल और सूक्ष्म पोषक तत्वों का सही संतुलन भी उतना ही आवश्यक है.
यह भी पढ़ें- पेट के कैंसर से निपटने में हल्दी हो सकती है फायदेमंद : विशेषज्ञ
हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल का कहना है, "हमारे प्राचीन अनुष्ठानों और परंपराओं ने हमें आहार की समस्याओं के बारे में बताया है. वे विविधता और सीमा के सिद्धांतों की वकालत करते हैं, यानी मॉडरेशन में कई तरह के भोजन खाने चाहिए. वे यह भी कहते हैं कि भोजन में सात रंगों (लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला, बैंगनी, सफेद) तथा छह स्वादों (मीठा, खट्टा, नमकीन, कड़वा, चटपटा और कसैला) को शामिल करने की सलाह देते हैं. हमारी पौराणिक कथाओं में भोजन चक्र के कई उदाहरण हैं, जैसे कि उपवास हमारे लिए एक परंपरा है. हालांकि, इसका मतलब कुछ भी नहीं खाना नहीं है, बल्कि कुछ चीजों को छोड़ने की अपेक्षा की जाती है."
उन्होंने बताया कि किसी व्यक्ति ने कुछ खाया है, मस्तिष्क को यह संकेत केवल 20 मिनट बाद मिलता है. इसके लिए प्रत्येक ग्रास को कम से कम 15 बार चबाना महत्वपूर्ण है. यह न केवल एंजाइमों के लिए पर्याप्त हार्मोन प्रदान करता है, बल्कि मस्तिष्क को संकेत भी भेजता है. इसलिए प्रति भोजन का समय 20 मिनट होना चाहिए.
डॉ. अग्रवाल ने आगे कहा, "स्वाद कलिकाएं केवल जीभ के सिरे और किनारे पर होती हैं. यदि आप भोजन को निगल लेते हैं, तो मस्तिष्क को संकेत नहीं मिलेंगे. छोटे टुकड़ों को खाने और उन्हें ठीक से चबाने से भी स्वाद कलिकाओं के माध्यम से संकेत मिलते हैं. पेट की परिपूर्णता या फुलनेस का आकार तय करता है कि कोई कितना खा सकता है. मस्तिष्क को संकेत तभी मिलता है जब पेट 100 प्रतिशत भरा हो. इसलिए, आपको पेट भरने की बजाय उसके आकार को भरना चाहिए. इसके अलावा, अगर आप कम खाते हैं तो समय के साथ पेट का आकार सिकुड़ जाएगा."
डॉ. अग्रवाल के सुझाव :
कम खाएं और धीरे-धीरे खाकर अपने भोजन का आनंद लें.
अपनी थाली को फल और सब्जियों से भरें.
आहार में अनाज का कम से कम आधा भाग साबुत अनाज होना चाहिए.
ट्रांस फैट और चीनी की अधिकता वाले भोजन से बचें.
स्वस्थ वसा चुनें. वसा रहित या कम वसा वाले दूध और डेयरी उत्पादों का उपयोग करें.
खूब पानी पिएं. शर्करा युक्त पेय से बचें.
उन खाद्य पदार्थो से बचें, जिनमें सोडियम का उच्च स्तर होता है, जैसे स्नैक्स, प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ.
इन सबसे ऊपर, अपनी गतिविधि के साथ अपने भोजन के विकल्पों को संतुलित करें.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Kajol Workout Routine: 49 की उर्म में ऐसे इतनी फिट रहती हैं काजोल, शेयर किया अपना जिम रुटीन
-
Viral Photos: निसा देवगन के साथ पार्टी करते दिखे अक्षय कुमार के बेटे आरव, साथ तस्वीरें हुईं वायरल
-
Moushumi Chatterjee Birthday: आखिर क्यों करियर से पहले मौसमी चटर्जी ने लिया शादी करने का फैसला? 15 साल की उम्र में बनी बालिका वधु
धर्म-कर्म
-
Vikat Sanakashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कब? बस इस मूहूर्त में करें गणेश जी की पूजा, जानें डेट
-
Shukra Gochar 2024: शुक्र ने किया मेष राशि में गोचर, यहां जानें किस राशि वालों पर पड़ेगा क्या प्रभाव
-
Buddha Purnima 2024: कब है बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख मास में कैसे मनाया जाएगा ये उत्सव
-
Shani Shash Rajyog 2024: 30 साल बाद आज शनि बना रहे हैं शश राजयोग, इन 3 राशियों की खुलेगी लॉटरी