Health Budget 2023: स्वास्थ्य क्षेत्र को वित्त मंत्री ने क्या दिया? 2047 तक इस बीमारी को खत्म करने का लक्ष्य
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना पांचवा बजट बुधवार 1 फरवरी को पेश कर दिया.
highlights
- वित्त मंत्री ने स्वास्थ्य क्षेत्र को दी बड़ी सौगात
- 2047 तक एनीमिया बीमारी खत्म करने का लक्ष्य
- मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने पर दिया जोर
New Delhi:
Health Budget 2023: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना पांचवा बजट बुधवार 1 फरवरी को पेश कर दिया. इस बजट में उन्होंने हर क्षेत्र के लिए कई घोषणाएं और ऐलान किए. रेल से लेकर हवाई यात्रा हो या फिर कृषि से लेकर शिक्षा तक महिलाओं, बुजुर्गों और युवाओं समेत हर वर्ग के लिए इस बजट में कुछ न कुछ शामिल था. इसी तरह हेल्थ यानी स्वास्थ्य क्षेत्र में भी बजट में बड़ी घोषणाएं की गईं. इस बार वित्त मंत्री ने अकेले आयुष्मान भारत योजना के लिए 7200 करोड़ रुपए आवंटन किया है. आइए जानते हैं कि इस बार स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए निर्मला सीतारमण के पिटारे से क्या कुछ निकला...
स्वास्थ्य क्षेत्र देश के अर्थ व्यवस्था का अहम हिस्सा माना जाता है. ऐसे माना जाता है कि देश का नागरिक स्वस्थ्य तो देश तरक्की की राह पर है. बहरहाल कोरोना महामारी के बाद से ही देश की अर्थव्यवस्था की रफ्तार भी हेल्थ सेक्टर के साथ जुड़ चुकी है. लिहाजा सरकार भी इस ओर बखूबी ध्यान दे रही है.
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हेल्थ सेक्टर की इन्हीं जरूरतों और महत्व को समझते हुए इस बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में स्वास्थ्य सेवाओं और मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए कई बड़ी घोषणाएं की हैं.
2047 तक एनीमिया खत्म करने का लक्ष्य
बजट भाषण में निर्मला सीतारमण ने एनीमिया बीमारी यानी खून की कमी वाली बीमारी को खत्म करने का लक्ष्य रखा है. ये लक्ष्य वर्ष 2047 यानी देश की आजादी के 100 वर्ष पूर्ण होने तक रखा गया है. इसके तहत देश में 7 करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग की जाएगी. इस बीमारी पीड़ित होने वाली आयु वर्ष 0 से 40 वर्ष है.
157 नए नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे
देश में 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोले जाने का लक्ष्य भी है. इन नए नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना देश में मौजूद 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ ही की जाएगी. यहां स्टूडेंट्स को अलग से ट्रेनिंग भी दी जाएगी. खास बात यह है कि इस क्षेत्र में भी सरकार की अप्रत्यक्ष योजना रोजगार सृजन करने की है.
मेडिकल उपकरणों के लिए सिलेबस
बजट में वित्त मंत्री ने मेडिकल उपकरणों के लिए सिलेबस लाए जाने की भी घोषणा की. उन्होंने कहा कि, इससे जुड़े बहु-विषयक पाठ्यक्रम लाया जाएगा. इसके साथ ही पीपीपी मॉडल यानी पब्लिक-प्राइवेट पार्टनर्शिप के तहत मेडिकल कॉलेज और निजी क्षेत्रों के आर एंड डी टीमों को सहयोगी अनुसंधान और नवाचार के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा.
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ये भी है खास
- फार्मास्यूटिकल्स में रिसर्च के लिए नए कार्यक्रम तैयार होंगे.
- अनुसंधान में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा
- अनुसंधान के लिए ICMR की चुनिंदा प्रयोगशालाओं में सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी
- परिवार कल्याण विभाग के लिए बजट में कुल अलॉटमेंट 89,155 रहा
- आयुष्मान भारत योजना के लिए 7,200 करोड़ रुपये का आवंटन
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