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H3N2 Influenza से भारत में दो की मौत, वायरस को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कही 10 बातें

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारत में 9 मार्च तक H3N2 सहित इन्फ्लूएंजा के विभिन्न उपप्रकारों के कुल 3,038 मामलों की पुष्टि हुई है

Updated on: 10 Mar 2023, 09:23 PM

नई दिल्ली:

H3N2 Influenza: देश भर में H3N2 इन्फ्लूएंजा (H3N2 Influenza)के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. मौसमी इन्फ्लूएंजा के प्रकोप के बीच हरियाणा और कर्नाटक में H3N2 इन्फ्लूएंजा से पहली दो मौतों की सूचना आई है. वहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान जारी कर आश्वासन दिया कि H3N2 इन्फ्लूएंजा को लेकर स्थिति की बारीकी से निगरानी की जा रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारत में 9 मार्च तक H3N2 सहित इन्फ्लूएंजा के विभिन्न उपप्रकारों के कुल 3,038 मामलों की पुष्टि हुई है, जिसमें जनवरी में 1,245 मामले, फरवरी में 1,307 और मार्च में 486 मामले शामिल हैं. 

स्वास्थ्य मंत्रालय ने H3N2 इन्फ्लूएंजा (H3N2 Influenza) को लेकर 10 बातें कही हैं. आइए जानते हैं सरकार ने H3N2 Influenza के लेकर क्या कहा है. 

-मौसमी इन्फ्लूएंजा एक तेज सांस संबंधी संक्रमण है जो इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होता है जो दुनिया के सभी हिस्सों को प्रभावित कर रहा है.

-भारत में हर साल मौसमी इन्फ्लूएंजा में दो पीक टाइम देखे जाते हैं. एक जनवरी से मार्च तक और दूसरा मानसून के मौसम के बाद.

-मार्च से चल रहे मौसमी इन्फ्लूएंजा में कमी आने की उम्मीद है.

-क्या H3N2 इन्फ्लुएंजा का Covid-19 से संबंध है? जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ.

-मौसमी इन्फ्लूएंजा से प्रभावित लोगों की बात करें तो इसमें बीमार बच्चे और बूढ़े लोग सबसे ज्यादा निशाने पर हैं.

-अभी तक कर्नाटक और हरियाणा में एच3एन2 इन्फ्लुएंजा से एक-एक मौत की पुष्टि हुई है.

-भारत में इन्फ्लुएंजा ए (एच1एन1पीडीएम09), इन्फ्लुएंजा ए (एच3एन2) और इन्फ्लुएंजा बी (विक्टोरिया) का पता चला है.

-इस वर्ष की शुरुआत से ही इन्फ्लूएंजा को लेकर परीक्षण करने वाले नमूनों में H3N2 इन्फ्लुएंजा सर्वाधिक पाया गया है

-अन्य इन्फ्लूएंजा सब-टाइप की तुलना में  H3N2 के कारण मरीजों को अधिक अस्पताल में भर्ती कराया है.

-ओसेल्टामिविर डब्ल्यूएचओ द्वारा अनुशंसित दवा है.

-गंभीर तीव्र श्वसन इन्फ्लुएंजा रोगियों में से 10% जिन्हें H3N2 है उन्हें ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है और 7% को ICU देखभाल की आवश्यकता होती है.

बता दें कि, विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर और जनवरी के बीच, पश्चिम ने इन्फ्लूएंजा A (H1N1) pdm09, A (H3N2) और B वायरस का अनुभव कई देशों में किया. हालांकि, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने दर्दनाक खांसी से पीड़ित लोगों या रोगियों को बिना डॉक्टर की सलाह दवा खाने के लिए मना किया है. डॉक्टर लोगों को एंटीबायोटिक्स लेने से बचने की सलाह देते हैं, जो अक्सर अप्रभावी होते हैं.