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कोरोना के बाद एक और बीमारी का खतरा मंडराया, 14 साल बाद बढ़ने लगे मामले, जानें क्या हैं लक्षण  

इस बीमारी को कैंडिडा ऑरिस नाम दिया गया है. फंगल इंफेक्शन से होने वाली बीमारी में 30 से 60 फीसदी मरीजों की मौत हो जाती है.

Updated on: 04 Aug 2023, 07:09 AM

highlights

  • इसका इंफेक्शन 2013 में अमेरिका में देखा गया था
  • 2021 तक देश में सबसे अधिक रोगी न्यूयॉर्क में पाए गए
  • कैंडिडा ऑरिस एक खतरनाक बीमारियों में एक है

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस के बाद एक और बीमारी ने लोगों के बीच डर का माहौल बना दिया है. एक बीमारी का खतरा पूरे विश्व में देखने को मिल रहा है. यह बेहद खतरनाक है. बताया जा रहा है कि 2016 में न्यूयॉर्क के अस्पतालों में ऐसी बीमारी के मरीज एकाएक सामने आने लगे थे. इस तरह के लक्ष्ण पहले कभी नहीं देखे गए थे. इस बीमारी का नाम है कैंडिडा ऑरिस. फंगल इंफेक्शन से होने वाली इस बीमारी को लेकर एक बार फिर से विशेषज्ञों की नजर है. इसे फैलने से रोकने के लिए कई तरह के उपाय और हेल्थ अलर्ट जारी किए गए हैं. 

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बीते साल कैंडिडा ऑरिस के सबसे अधिक मरीज अमेरिका के नेवादा और  कैलिफॉर्निया में पाए गए थे. इस दौरान फंगस की मौजूदगी 29 राज्यों में देखी गई थी. न्यूयॉर्क में अब भी काफी अधिक मामले सामने आए हैं. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि संक्रमण के बढ़ते मामलों की वजह जलवायु परिवर्तन है. 

यह फंगल इंफेक्शन इंसानों में 14 साल पहले अचानक उभरा था. तीन महाद्वीपों में एक साथ पाया गया. सबसे अधिक मामले वेनेजुएला, भारत और दक्षिण अफ्रीका में मिले थे. फंगस संक्रमण से जुड़े विशेषज्ञों के अनुसार, अलग-अलग महाद्वीपों में इसका होना परेशान करने वाला है. इस कारण है​ ​कि तीनों जगहों पर जलवायु एक दूसरे से बिल्कुल अलग है. 

कैंडिडा ऑरिस नाम की इस बीमारी को लेकर शोधकर्ता बीते कई सालों से रिसर्च में जुटे हुए हैं. इसका इंफेक्शन 2013 में अमेरिका में देखा गया था. इसे तब से कैंडिडा ऑरिस के नाम से जाने जाना लगा. अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, 2021 तक देश में सबसे अधिक रोगी न्यूयॉर्क में पाए गए हैं. वहीं अन्य इलाकों में भी संक्रमण फैला था. 

रक्त संचार और सांस का इंफेक्शन 

कैंडिडा ऑरिस एक खतरनाक बीमारियों में एक है. इससे संक्रमित होने के बाद 30 ये 60 फीसदी मरीजों की मौत हो सकती है. इस बीमारी में रक्त संचार और सांस का इंफेक्शन हो सकता है. इसमें घाव भी संक्रमित हो सकते हैं. पहले से किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों के संक्रमित होने की आशंका इसमें सबसे अधिक होती है.