डिप्रेशन देता है अंधविश्वास को जन्म, जानें इस बीमारी से जुड़ी सभी बातें
शुरुआती दौर में आपका इलाज सिर्फ थेरेपी या काउंसलिंग से भी हो सकता है
नई दिल्ली:
आप शारीरिक रूप से बीमार हैं तो आप अपने शरीर में हो रही बीमारियों का इलाज करा सकते हैं. कुछ दवाइयां लेनें के बाद आप शायद आप ठीक भी हो जाएं, लेकिन क्या आपने कभी उन लोगों के बारे में सोचा है जो डिप्रेशन से जूझ रहे हैं आज के वक्त में ज्यादातर लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं, क्या आप जानते हैं कि किन तरीकों से आप इस बीमारी से दूरी बना सकते हैं. पहले हम आपको बताते हैं कि ये बीमारी है क्या.
डिप्रशन यानी अवसाद है क्या ?
डिप्रेशन को एक डिसऑर्डर के रूप में माना जाता है. यह उदासी, नुकसान या गुस्से की भावनाओं में देखा जाता है. यह बीमारी लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित करती है. लोग अलग अलग तरीकों से डिप्रेशन का अहसास करते हैं. डिप्रेशन के कारण आपको आर्थराइटिस, अस्थमा, हार्ड डिजीज, कैंसर, डायबिटीज और मोटापा जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. आपको यह बता दें दुख और दुखदायक घटना हर किसी के जीवन में होती है. वहीं लगातार दुखी और निराश महसूस करना सामान्य नहीं है. इसे ही डिप्रेशन कहा जाता है.
कैसे पहचाने की आप डिप्रेशन का शिकार हैं
डिप्रेशन में आप लोगों से कटने लगते हैं. आप खुद से नफरत करते हैं और अपने आपको खत्म कर लेना जैसी भावनाओं के साथ जीते हैं. साथ ही अगर आप खुदकुशी के तरीके ढूंढ रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें,
ये भी पढ़ें: रक्तदान करने से मिलेंगे ये आश्चर्यजनक फायदे, कैंसर से भी होता है बचाव
अगर आपको यह याद नहीं है कि आप आखिरी बार खुश कब थे तो यह डिप्रेशन के लक्षण हैं. आपको बिस्तर से उठने या डेली रुटीन का काम करना एक बहुत बड़ा टास्क लगता है तो इसे इग्नोर न करें.
कैसे करें डिप्रेशन को दूर
शुरुआती दौर में आपका इलाज सिर्फ थेरेपी या काउंसलिंग से भी हो सकता है. वहीं अगर आपकी बीमारी गंभीर है और आपको अजीबो-गरीब आवाजें सुनाई पड़ती हैं. आप कुछ ऐसा देख या सुन रहे हो जो दूसरे नहीं देख सकते. या फिर आप अपने आपको नुकसान पहुचाने की कोशिश करते हैं तो ऐसे मामलों को अंधविश्वास से ना जोड़ें...डॉक्टर की सलाह लें
डिप्रेशन को लेकर गलत धारणा
लोगों के दिलों में डिप्रेशन को लेकर यह धारणा है कि डिप्रेशन या दिमागी लकलीफ सिर्फ उसे होती है. जिसकी जिंदगी में कोई बहुत बड़ा हादसा हुआ हो या जिसके पास दुखी होने की बड़ी वजह हो. आपको बता दें कि डिप्रेशन के दौरान हमारे शरीर में खुशी देने वाले हॉर्मोन्स (ऑक्सिटोसीन) बनना बंद हो जाता है. जिसकी वजह से हम चाहकर भी खुश नहीं रह पाते. इसे दवाईयां, थेरेपी और लाइफ स्टाइल बदलाव कर बेहतर किया जा सकता है.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Kajol Workout Routine: 49 की उर्म में ऐसे इतनी फिट रहती हैं काजोल, शेयर किया अपना जिम रुटीन
-
Viral Photos: निसा देवगन के साथ पार्टी करते दिखे अक्षय कुमार के बेटे आरव, साथ तस्वीरें हुईं वायरल
-
Moushumi Chatterjee Birthday: आखिर क्यों करियर से पहले मौसमी चटर्जी ने लिया शादी करने का फैसला? 15 साल की उम्र में बनी बालिका वधु
धर्म-कर्म
-
Vikat Sanakashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कब? बस इस मूहूर्त में करें गणेश जी की पूजा, जानें डेट
-
Shukra Gochar 2024: शुक्र ने किया मेष राशि में गोचर, यहां जानें किस राशि वालों पर पड़ेगा क्या प्रभाव
-
Buddha Purnima 2024: कब है बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख मास में कैसे मनाया जाएगा ये उत्सव
-
Shani Shash Rajyog 2024: 30 साल बाद आज शनि बना रहे हैं शश राजयोग, इन 3 राशियों की खुलेगी लॉटरी